For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.
Advertisement

बागेश्वर: लोक संगीत व लोक कथाओं का प्रारंभिक शिक्षा में खास महत्व

08:50 PM Nov 22, 2023 IST | CNE DESK
बागेश्वर  लोक संगीत व लोक कथाओं का प्रारंभिक शिक्षा में खास महत्व
Advertisement

👉 डायट में डीएलएड प्रशिक्षुओं की राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समागम एवं प्रतियोगिताएं

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर डीएलएड प्रशिक्षुओं की राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समागम और प्रतियोगिताएं प्रारंभ हो गई हैं। यह कार्यक्रम राज्य में पहली बार आयोजित हो रहा है। जिसमें अतिथियों ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में विशेष रूप से प्रारंभिक शिक्षा में लोक संगीत, लोक नृत्य, नाटिकाओं, बाल गीत, लोक कथाओं का विशेष महत्व है। विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।

Advertisement

राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समागम और प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक पार्वती दास और राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने कहा कि अपनी लोक परंपरा, संस्कृति के संरक्षण में ऐसे कार्यक्रम उपयोगी होते हैं। 13 जिलों के प्रशिक्षु बाबा बागनाथ की नगरी में आए हैं। वह बच्चों की बेहतरी के लिए काम करेंगे। प्राचार्य डा. मनोज कुमार पांडे ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षक विधाओं में पारंगत होने से छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों से आसनी से घुल-मिल सकते हैं। सामाजिक परिवेश के प्रति संवेदनशील होंगे। गतिविधियों के माध्यम से संस्कृति का संवर्धन और संरक्षण भी होगा। इस दौरान प्रसिद्ध लोक गायक दीवान कनवाल, निर्णायक रतन सिंह किरमोलिया, नेहा बघरी, राजेंद्र प्रसाद के अलावा किशन मलड़ा, केसी मिश्रा, दीप चंद्र जोशी, आरती जैन, डा. शैलेंद्र धपोला, डा. प्रेम सिंह मावड़ी, कैलाश प्रकाश चंदेाला, डा. भैरव दत्त पांडे आदि उपस्थित थे।

Advertisement


Advertisement
×