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स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानें, समझें और अनुसरण करें विद्यार्थी

08:28 PM May 22, 2024 IST | CNE DESK
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✍️ अल्मोड़ा में दो दिनी अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न, 27 शोध पत्र पढ़े गए

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। यहां सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के मुख्य आडिटोरियम में आयोजित 'स्वामी विवेकानन्द के विचारों आलोक में शिक्षा, शिक्षार्थी एवं शिक्षण संस्थान' विषयक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार गहन मंथन के साथ आज संपन्न हो गया। सेमिनार में 27 शोधपत्र पढ़े गए। अतिथियों ने कहा कि आज के दौर में विद्याथियों को स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानना, समझना व अनुसरण करना बेहद जरुरी है।

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स्वामी विवेकानन्द-महात्मा गांधी आध्यात्मिक पर्यटन परिपथ, अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में कई तकनीकी सत्र चले। समापन सत्र में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मिशन आश्रम कानपुर के सचिव स्वामी आत्मश्रद्धानन्द महाराज ने जीवन को उत्कृष्ट बनाने, सत्य का अनुसरण करने, जीवन को सकारात्मक बनाने के साथ ही स्वामी विवेकानन्द के जीवन एवं उनके विचार दर्शन को साझा किया। विशिष्ट अतिथि रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा के ब्रह्मचारी अर्पण महाराज व ब्रह्मचारी आर्यन महाराज ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा व शिक्षार्थियों के लिए स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानना, समझना और उनका अनुसरण करना जरूरी है। समापन सत्र के अध्यक्षता करते हुए प्रो. एसए हामिद ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का जीवन दर्शन न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।

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सेमिनार के संयोजक डॉ. चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने संचालन करते हुए बताया कि सेमिनार की रिपोर्ट तैयार कर आगे प्रस्तुत की जाएगी। डॉ. राजेंद्र क्वीरा ने विभिन्न सत्रों की जानकारी दी। समापन सेमिनार से जुड़े सभी सहयोगियों को पुरस्कृत किया गया। इस सेमिनार में लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. सुधीर कुमार यादव, आम्रपाली विश्वविद्यालय हल्द्वानी की शोध छात्रा भावना पलड़िया, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भैसोड़ा की अध्यापिका डॉ. गीता टम्टा, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान उधमसिंह नगर के डॉ. अनिल कुमार सिंह, यूओयू के राजेन्द्र सिंह क्वीरा, डायट की शिक्षिका डॉ. दीपा जलाल, डॉ. प्रकाश लखेड़ा आदि ने आनलाइन व आफलाइन 27 शोध पत्र पढ़े गए। सेमिनार में डॉ. लक्ष्मी वर्मा, डॉ. प्रेमप्रकाश पांडे, विनोद नेगी, हसन, मीनाक्षी, नवल जोशी, रोशनी, नेहा, सुंदर, दिव्या, हिमांशु पांडे आदि ने सहयोग दिया।

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