For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट का वायु गुणवत्ता सुधार पर जोर, सरकारें दीर्घकालिक उपाय करें

09:32 AM Nov 11, 2023 IST | CNE DESK
सुप्रीम कोर्ट का वायु गुणवत्ता सुधार पर जोर  सरकारें दीर्घकालिक उपाय करें
Advertisement

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी (एनसीआर) क्षेत्र दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र और राज्यों से शुक्रवार को कहा कि इसके लिए वे दीर्घकालिक उपाय करें। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि वह लोगों को प्रदूषण से पीड़ित नहीं होने दे सकती।

पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि वह चाहती है कि खेतों में आग लगाने (पराली जलाने) से रोका जाए और पंजाब में चावल को प्रमुख फसल के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए उपाय किए जाएं। चावल के बदले को और फसल लगाने का विकल्प तलाशा जाए।

Advertisement

पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति कौल ने राजधानी और आसपास के इलाकों में रात भर हुई बारिश पर गौर करते हुए कहा,“भगवान ने लोगों की प्रार्थना सुनी और हस्तक्षेप किया।”

पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरामनी और विभिन्न राज्य सरकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों से कहा कि सरकारी अधिकारी बैठक कर रहे हैं लेकिन राजधानी में वायु प्रदूषण के मद्देनजर जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा है।

पीठ ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा,“चीजें तभी क्यों आगे बढ़ती हैं जब अदालत हस्तक्षेप करती है।” अदालत ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में रात भर हुई बारिश के संबंध में कहा,“लोगों को केवल प्रार्थना करनी है, कभी हवा आती है और मदद मिलती है, और कभी-कभी बारिश होती है।”

शीर्ष अदालत ने कहा कि खेत में आग लगने पर मुकदमा दर्ज करना कोई समाधान नहीं है। इसका तरीका वित्तीय राहत होना चाहिए जिसमें कुछ प्रोत्साहन शामिल हो। इसके उलट, पीठ ने यह भी सुझाव दिया कि जो कोई भी खेत में आग लगाने में शामिल है, उसे अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलना चाहिए।

पीठ ने पंजाब में जल स्तर गिरने का जिक्र करते हुए एक बार फिर राज्य में धान की खेती धीरे-धीरे कम करने पर जोर दिया। पीठ ने कहा,“उपचारात्मक उपाय के तौर पर ऐसा कुछ किया जाना चाहिए…हर किसी के बच्चे को कुछ प्रोत्साहन मिलना चाहिए…या उनकी संपत्ति एक साल के लिए कुर्क की जानी चाहिए।” साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि वह इसे सरकारों के विवेक पर छोड़ देगी, अन्यथा वे कहेंगे कि शीर्ष अदालत ने कुर्की का आदेश दिया है।

पीठ ने कहा,“हम चाहते हैं कि हवा की गुणवत्ता में सुधार हो। इस चावल की जगह किसी और चीज़ की फसल कैसे उगाई जाए।” पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा,“अगर सरकारें चाहेंगी, केंद्र हो या राज्य, यह होगा। यदि आप इसके बारे में उदासीन हैं, तो ऐसा नहीं होगा।”

Advertisement


Advertisement
×