अल्मोड़ा: गैरसैंण राजधानी के लिए एक मंच पर आकर लड़नी होगी लड़ाई
✍️ राज्य आंदोलनकारियों ने गांधी पार्क में दिया धरना
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: राज्य आंदोलनकारियों ने आज यहां गांधी पार्क में धरना दिया और कहा कि गैरसैंण राजधानी ही अब पहाड़ के विकास का एकमात्र विकल्प है। इसलिए दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी को एक मंच पर आकर यह लड़ाई लड़नी होगी।
धरनास्थल पर वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ के अस्तित्व को बचाने के लिए एक सशक्त भू कानून बनाने तथा भूमि की खरीद फरोख्त की खुली छूट देने वाले कानून को जल्द समाप्त करने की जरूरत बताई गई। वक्ताओं ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के त्याग और बलिदान को देखते हुए उन्हें एक सम्मानजनक पेंशन, जो कम से कम 20 हजार रुपये हो, दी जानी चाहिए। इस धरने के माध्यम से वंचित राज्य आंदोलनकारियों का शीघ्र चिह्नीकरण करने, घोषणा के अनुरूप आश्रितों को पेंशन देने, राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य की राजधानी व जिला मुख्यालयों में नि:शुल्क रात्रि विश्राम की व्यवस्था करने, सभाकक्ष व कार्यालय उपलब्ध कराने की भी मांग उठाई गई। धरने के साथ ही उक्त मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया। धरने में ब्रह्मानन्द डालाकोटी, शिवराज बनौला, दौलत सिंह बगड्वाल, गोपाल बनौला, देवनाथ गोस्वामी,रवीन्द्र विष्ट, हयात रावत, पानसिंह, महेश पांडे, तारा दत्त भट्ट, नारायण राम, सुंदर सिंह गोपाल गैड़ा, पूरन सिंह, विशंभर पेटशाली, लक्ष्मण सिंह, तारा देवी, देवकी देवी समेत कई राज्य आंदोलनकारी सम्मिलित हुए।