बागेश्वर: आपदा से काफी क्षति, फिर भी हो रहा छलावा—हरीश ऐठानी
✍️ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाया आरोप, 18 अगस्त को उपवास करेंगे
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि आपदा में जिले को 43 करोड़ रुपये का नुकसान का आकलन है, लेकिन विस्थापन के नाम पर लोगों के साथ छलावा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पहाड़ में आपदा से नुकसान होते रहा है, किंतु पहली बार आंकड़ों से खेला जा रहा है। यह नुकसान अधिकतर नई सड़कों का है। उन्होंने कहा कि 18 अगस्त को सुमगढ़ घटना को लेकर वह उपवास करेंगे।
यहा पत्रकार वार्ता करते हुए ऐठानी ने कहा कि जिले में आपदा 1980 से आ रही है। 1982 में मल्ला दानपुर में कर्मी गांव की घटना हुई। मवेशी मारे गए। 1984 में जगथाना के अलावा पिंडर घाटी में प्राकृतिक आपदाओं ने काफी नुकसान किया। 18 अगस्त 2010 में सुमगढ़ में प्राकृतिक आपदा ने लोगों को हिला कर रख दिया। सरस्वती शिशु मंदिर के 18 स्कूली बच्चे मलबे में दब गए। स्कूल भवनों की भूमि की जांच आज तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। जिले में कई स्थानों पर स्कूल भवन आपदा की जद में हैं। जिला आपदा की दृष्टि से जोन पांच में आता है, लेकिन ऐसे स्कूल भवनों को चयनित तक नहीं किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि मकान ध्वस्त होने पर 1.30 लाख रुपये की धनराशि को बढ़ा कर 10 लाख रुपये करने तथा मानव हानि होने पर 25 लाख रुपये सरकार मुआवजा दे। आपदाओं से सरकार को भी सीखना होगा। विस्थापन के लिए गांव बांट जोह रहे हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। रामगंगा में 2017 में बहा पुल अभी तक नहीं बन सका है। कर्मी में पशुपालन का भवन एक करोड़ से अधिक ममें बना है। उसका एक दिन भी उपभोग नहीं हुआ। वह धंसने लगा है। जिसकी भू-गर्भीय जांच चल रही है। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवेंद्र परिहार जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र खेतवाल मौजूद थे।