बागेश्वर: शासन ने उठाई गई मांगों को गंभीरता से लिया—हरीश ऐठानी
✍️ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया अपने आंदोलन का परिणाम
✍️ उनकी मांगों पर शासन ने जिलाधिकारी से मांगी सुस्पष्ट आख्या
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिला पंचायत बागेश्वर के पूर्व अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि उत्तराखंड शासन ने उनकी मांगों पर गौर फरमाते हुए जिलाधिकारी से परीक्षण कर सुस्पष्ट आख्या मांगी है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा सालों से आपदा से संवेदनशील कपकोट क्षेत्र में विद्यालयों की भूगर्भीय जांच कराने एवं आपदा के मानकों में बदलाव करने और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास संबंधी मांगें उठाई जाते रही हैं। उन्होंने कहा कि अब शासन ने उनकी सुनी है और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
श्री ऐठानी ने आज यहां पत्रकार वार्ता आयोजित कर बताया की जनपद बागेश्वर आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील क्षेत्र है। जिसमें कपकोट क्षेत्र अति संवेदनशील श्रेणी में आता है। जिसके कई गांव कई वर्षों से विस्थापन की बाट जोह रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही थी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सालों से इन समस्याओं के समाधान की मांग की जा रही है और उनके द्वारा सुमगढ़ हादसे की बरसी पर शिशु मंदिर सुमगढ़ में आपदा के मानकों में बदलाव व विद्यालयों की भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने आदि के मुद्दों को लेकर एक दिवसीय उपवास रखा गया था।जिसके तहत उनके द्वारा आपदा के मानकों में बदलाव करते हुए आपदा से परिवार के कमाऊ व्यक्ति के निधन पर 25 लाख मुआवजा, 70 प्रतिशत तक मकान क्षतिग्रस्त होने पर 10 लाख की राहत राशि देने तथा कपकोट के समस्त विद्यालयों का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि अब शासन के संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव ने जिलाधिकारी बागेश्वर को तत्काल जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन के भेजने के निर्देश दिए हैं, जो उनके ही प्रयासों व आंदोलन का परिणाम है। उन्होंने बताया कि रामगंगा एवं सरयू घाटी एवं उनकी सहायक नदियों से हो रहे नुकसान का विस्तृत सर्वे कर पुर्नवास नीति के तहत विस्थापितों को दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि करने के लिए भी जिलाधिकारी से स्पष्ट आख्या भेजने को निर्देशित किया है। प्रेसवार्ता में उनके साथ जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र खेतवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश हरड़िया, खिलाफ दानू मौजूद थे।