अल्मोड़ा: प्रदेश सरकार की मंशा में खोट—मनोज तिवारी
✍️ खुद मुख्यमंत्री ने 10 प्रमुख योजनाओं के प्रस्ताव मांगे, अब तक सिर्फ 03 पर स्वीकृति
✍️ विधायक बोले, अविलंब योजनाएं धरातल पर नहीं उतरीं, तो सड़कों पर उतरेंगे
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: प्रदेश में सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख जरुरत के मुताबिक 10 योजनाओं के प्रस्ताव मांगे, ताकि उन्हें स्वीकृति देकर धरातल पर उतारा जा सके। मगर हालत ये है कि ढाई साल का कार्यकाल होने के बावजूद 10 में सिर्फ 03 की स्वीकृति मिली और एक काम के लिए धन अवमुक्त हो सका है। बांकी योजनाएं ठंडे बस्ते में पड़ी हैं। स्वीकृत योजनाओं पर भी धरातल पर काम नहीं हो सका है। इससे साफ जाहिर है कि सरकार की मंशा में खोट है। यह बात आज यहां एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब होकर अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी ने कही। उन्होंने कहा कि अगर समय पर सरकार नहीं चेती, तो सड़कों पर उतरेंगे।
विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि वर्ष 2022 में सरकार गठन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनहित से जुड़ी 10 औचित्यपूर्ण विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्राथमिकता से मांगे गए, ताकि योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जा सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि इसी कार्यकाल में मांगे गए प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान कर उन्हें धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा। विधायक ने कहा कि उनके द्वारा अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनहित से जुड़ी 10 योजनाओं के प्रस्ताव उन्होंने 19 अक्टूबर, 2022 को भेजे। जिनमें सरयू—सेराघाट—अल्मोड़ा पंपिंग पेयजल योजना, अल्मोड़ा विधानसभा में इंजीनियरिंग कालेज के निर्माण, हार्ट केयर यूनिट की स्थापना, पर्यटन विकास हेतु शक्तिपीठ मां स्याहीदेवी, कसारदेवी व बानड़ी देवी को रोपवे से अल्मोड़ा नगर से जोड़ने की परियोजना, अत्याधुनिक सुविधाओं वाले स्पोर्ट्स कालेज, अल्मोड़ा मुख्य बाजार का निर्माण पर्वतीय शैली के पटालों से आच्छादित करने, बाड़ेछीना में पालीटेक्निक के भवन व दो नये व्यवसायिक ट्रेड खोलने, अल्मोड़ा के आंतरिक व चहुंओर की सड़कों के किनारे नाली निर्माण एवं हाटमिक्स डामरीकरण, हाईस्कूल ढौरा के उच्चीकरण व हवालबाग में मिनी स्टेडियम की स्वीकृति प्रदान करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार के लगभग ढाई साल हो गए और अभी तक 10 योजनाओं में से सिर्फ 3 की स्वीकृति मिल पाई है। इनमें मिनी स्टेडियम, बाड़ेछीना पालीटेक्निक के भवन निर्माण व अल्मोड़ा में स्थानीय पटाल बिछाने की योजना शामिल हैं और धनराशि केवल बाड़ेछीना पालीटेक्निक के भवन निर्माण के लिए अवमुक्त हो सका है। उन्होंने बताया कि बाकी सभी योजनाओं की फाइल लंबित ही पड़ी है। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि सरकार की मंशा में खोट है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में योजनाओं का पूरा होने पर संदेह है। उन्होंने प्रश्न किया कि कब योजनाएं स्वीकृत होंगी, कब धन मिलेगा और कब योजनाएं धरातल पर उतरेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि जल्द से जल्द उक्त योजनाओं को स्वीकृति दिलाकर कार्य शुरु कराएं। विधायक ने कहा कि इस संबंध में वह मुख्यमंत्री से मिलकर वार्ता करेंगे। इसके बाद भी सरकार नहीं चेती, तो धरना प्रदर्शन के साथ उग्र आंदोलन होगा। जिसके लिए जल्द ही पार्टीजनों के साथ बैठक कर रुपरेखा तय की जाएगी। प्रेसवार्ता में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज 'गुड्डू', नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला, अरविंद रौतेला, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष राधा बिष्ट, नगर अध्यक्ष दीपा साह, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संजय कठायत आदि शामिल रहे।