बागेश्वर: कांडा ब्लाक की दरकार, केंद्रीय राज्यमंत्री टम्टा से मिले क्षेत्रवासी
✍️ बोले, यदि मांग पूरी नहीं हुई तो संघर्ष समिति तेज करेगी आंदोलन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जनपद के कांडा विकासखंड संघर्ष समिति से जुड़े लोग केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा से मिले। उन्होंने विकासखंड नहीं होने से हो रही परेशानी से अवगत कराया। जल्द समस्या के समाधान की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
टम्टा को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि वर्ष 1952-53 में उनका ब्लॉक स्वीकृत हो गया था। तब कांडा का मुख्यालय मोटर मार्ग न होने के कारण बागेश्वर में स्थापित किया गया था। जो तब से अब तक बागेश्वर में ही है। अब कांडा में नया विकास खंड स्वीकृत किया जाना नितांत आवश्यक है, तांकि क्षेत्र का समुचित विकास हो सके। 1997 में बागेश्वर नया जिला बना तो विकास खंड ताकुला व भैंसियाछाना की न्याय पंचायत खरही व पट्टी रीठागाड़ की 35 ग्राम पंचायतों को बागेश्वर विकास खंड में मिलाया गया। बागेश्वर 185 ग्राम पंचायतों वाला भारत वर्ष का सबसे बड़ा विकास खंड बन गया, जबकि प्रदेश व देश में 25 ग्राम पंचायतों वाले सैंकड़ों विकास खंड पहले से बने हैं। बागेश्वर विकास खंड को विभाजित कर कांडा विकास खंड बनाने की मांग की। संघर्ष समिति के सचिव सुरेश रावत ने बताया कि संघर्ष समिति की एक बैइक दस सितंबर को भंडारसेरा में हुई। तब निर्णय लिया गया कि दो अक्टूबर को तहसील कांडा में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम होगा। तीन अक्टूबर से पट्टी पल्ला कमस्यार के आखिरी गांव चंतोला से एक दिवसीय क्रमिक अनशन, धरना व प्रदर्शन करेंगे। यह क्रम प्रतिदिन लगातार एक के बाद दूसरे गांव में चलता रहेगा।