विजय दिवस: पुष्पचक्र व श्रद्धासुमन अर्पित कर वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
✍️ भारत—पाक युद्ध में भारत के विजय की 53वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई
✍️ अल्मोड़ा व बगोश्वर में वीर नारियां व वीर सेनानी हुए सम्मानित
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: अल्मोड़ा व बागेश्वर में सन् 1971 में हुए भारत—पाक युद्ध में भारत की जीत पर विजय दिवस की 53वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। इस उपलक्ष्य में इस युद्ध में शहीद वीर जवानों को पुष्पचक्र व श्रद्धासुमन अपित कर शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं वीर नारियों व वीर सेनानियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
अल्मोड़ा: यहां जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय के तत्वाधान में विजय दिवस कार्यक्रम छावनी क्षेत्र में स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित हुआ। जहां शहीदों की स्मृति में पुष्पचक्र व श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। गैरीसन अल्मोडा के सैन्य टुकडी के जवानों द्वारा शहीदों को सलामी दी गई। तदोपरान्त शहीदों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा गया। समारोह में मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी एवं जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय नेवीर नारियों एव वीर सेनानियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारे देश की आन, बान एवं शान की हिफाजत के लिए हमारे जवान न तो राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी की परवाह करते हैं और न ही कारगिल की जमा देने वाली सर्दी की। उन्होंने कहा कि हमारे जवान कठिनाइयों एवं विषम परिस्थितियों की परवाह किए बगैर हमें एक भयमुक्त एवं सुरक्षित माहौल जीने के लिए देते हैं। हमें हमेशा अपनी सेना एवं सैनिकों का सम्मान करना चाहिए, उनके हौंसले को बढ़ाने का काम करना चाहिए। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने भी विजय दिवस की जनपद वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मात्र 14 दिन में हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान की सेना को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था। इसके लिए हमें अपनी सेना पर हमेशा गर्व रहेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच माह दिसम्बर 1971 में (पूर्वी पाकिस्तान बंगलादेश) लडाई लड़ी गई थी। भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को पराजित किया। उक्त युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। इस अभियान में वीर सैनिको ने अपने प्राणों की आहुति दी एवं कई जाबाज वीरता एवं अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश की रक्षा करते हुए घायल हो गए। भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं वीरता के लिए पूरे देश में प्रतिवर्ष 16 दिसम्बर, को विजय दिवस के रुप में मनाये जाने का संकल्प लिया गया और इस युद्ध में एक नये देश का उदय हुआ, जिसे बांगलादेश के नाम पर जाना जाता है। आज विजय दिवस कार्यक्रम में जनपद अल्मोड़ा के शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र में कमान अधिकारी गैरीसन अल्मोडा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, कर्नल विनय यादव, कर्नल विजय मनराल (अ.प्रा.) जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी अल्मोडा, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी एवं गैरीशन अल्मोड़ा के सैन्य अधिकारी कैप्टन अमनदीप सिंह, सूबेदार मेजर देवी सिंह एवं जवानों, जनपद स्तरीय अधिकारी एवं सैनिक कल्याण विभाग के सहायक अधिकारी नरेन्द्र सिंह, प्रशासनिक अधिकारी हरीश सिंह, विजय शंकर, महेन्द्र सिंह मेहरा, राजकुमार बिष्ट, कैलाश चन्द्र काण्डपाल, हेमन्त लाल वर्मा, कुन्दन सिंह, देवेन्द्र कुमार, चम्पा देवी तथा पूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारियों समेत बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, एनसीसी के कैडटों ने हिस्सा लिया।
बागेश्वर में 05 वीर नारियां सम्मानित
बागेश्वर: जनपद में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि देकर याद किया गया। विजय दिवस 1971 भारत-पाक युद्ध में भारत की विजय पर मनाया जाता है। भारत-पाक इस युद्ध में जनपद के 25 वीर सैनिकों ने शहादत दी। कार्यक्रम में मौजूद शहीदों की पांच वीर नारियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
शहीद स्थल में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी आशीष भटगांई समेत अन्य अधिकारियों, वीर नारियों व पूर्व सैनिकों ने शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तराखंड़ सैनिकों का प्रदेश है, प्रदेश के सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए हमेशा शहादत दी है, यह हमारे लिए गर्व की बात है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर (सेनि) चंद्रशेखर आजाद गुप्ता ने 1971 युद्ध की विस्तृत जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि 1971 भारत-पाक युद्ध में जनपद के 25 वीर सैनिकों ने शहादत दी। कार्यक्रम के दौरन वीर नारियों में लछिमा देवी, पानुली देवी, नंदी देवी, कलावती देवी एवं चनुली देवी को शॉल भेंट कर सम्मनित किया गया। इस मौके पर उपजिलाधिकारी मोनिका, रमेश चंद्र तिवारी, प्रताप सिंह कपकोटी, गोपाल दत्त जोशी, पूरन चंद्र लोहनी, उत्तम सिंह टाकुली, संजय शाह जगाती सहित पूर्व सैनिक व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।