यूपी पुलिस पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन, भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाया
UP NEWS | यूपी पुलिस पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन देखने को मिला है, सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को पद से हटा दिया है। उनकी जगह राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी दी है। यूपी में 60 हजार से ज्यादा सिपाही भर्ती में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में चूक और एफआईआर दर्ज कराने में लापरवाही के चलते DG भर्ती बोर्ड अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाया गया है। उन्हें फिलहाल वेटिंग में रखा गया है। परीक्षा रद्द होने के बाद से भर्ती बोर्ड की इंटर्नल असेसमेंट कमेटी रिपोर्ट नहीं दे पाई थी और ना ही मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, RO/ ARO भर्ती परीक्षा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आंतरिक जांच के बाद परीक्षा नियंत्रक को हटाया था और एफआईआर भी दर्ज करवा दी थी।
6 महीने में दोबारा होगी यूपी कॉन्स्टेबल की परीक्षा
17 और 18 फरवरी 2024 को प्रदेश भर में हुई उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिसके बाद देशभर में स्टूडेंट्स जमकर हंगामा किया और फिर योगी सरकार द्वारा परीक्षा कैंसिल कर 6 महीने में दोबारा परीक्षा करने के आदेश दिए गए। पेपर लीक की इस घटना पर एसटीएफ अभी भी जांच कर रही है। ऑफलाइन हुई इस परीक्षा में 2 दिन में 48 लाख से अधिक नौजवानों ने परीक्षा दी थी।
कुछ ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश के 56 जिलों में बीते 11 फरवरी को हुई RO-ARO यानी समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा को लेकर हुआ था। पेपर लीक के आरोप के साथ उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रयागराज स्थित दफ्तर अभ्यर्थियों ने घेर लिया था। 29 फरवरी को आगरा में इंटरमीडिएट में जीव विज्ञान और गणित का पेपर लीक होने का भी मामला सामने आया था। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश बोर्ड ने जांच कमेटी गठित की है।
इससे पहले यूपी एसटीएफ की टीम ने पुलिस भर्ती परीक्षा लीक करने वाले गिरोह के दो आरोपियों को धर दबोचा था। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान प्रयागराज के रहने वाले अजय सिंह चौहान और सोनू सिंह यादव के रूप में की गई थी।