यूपी STF ने एक साथ 4 बदमाश मार गिराए
UP News | यूपी के शामली में STF ने 4 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया। सोमवार देर रात 2 बजे STF ने मुखबिर की सूचना पर कार से जा रहे चार बदमाशों को घेर लिया, बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में STF ने भी फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से 30 राउंड फायरिंग हुई। 40 मिनट तक मुठभेड़ चली। इस दौरान STF टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर सुनील के पेट में तीन गोलियां लगीं। इसके बाद STF ने 1 लाख के इनामी अरशद समेत चारों बदमाशों को गोली मार दी।
STF घायल बदमाशों और इंस्पेक्टर को करनाल के अमृतधारा अस्पताल ले गई। जहां डॉक्टरों ने चारों बदमाशों को मृत घोषित कर दिया। वहीं, इंस्पेक्टर की हालत को गंभीर देखते हुए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया। मुठभेड़ हरियाणा बॉर्डर पर स्थित थाना झिंझाना क्षेत्र में हुई। चारों बदमाश मुस्तफा कग्गा गैंग के थे। पुलिस अफसरों ने बताया कि पिछले 15 सालों में यूपी की यह सबसे बड़ी मुठभेड़ है। इससे पहले, 2004 में जौनपुर में बावरिया गिरोह के 8 बदमाश मुठभेड़ में ढेर हुए थे।
12 पुलिसकर्मियों की टीम पर अंधाधुंध फायरिंग
STF सूत्रों के मुताबिक, टीम को मुखबिर से अरशद की लोकेशन मिली थी। इसके बाद 12 पुलिसकर्मियों की टीम ने बदमाशों की कार का पीछा किया। टीम ने बदमाशों की कार को ओवरटेक कर घेर लिया। बदमाश STF को देखते ही अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। इसके बाद टीम ने फायरिंग की। 3 बदमाश कार में ही मारे गए, जबकि 1 को कुछ दूरी पर मार गिराया।
#WATCH | 4 miscreants were killed in an encounter by Uttar Pradesh STF in the Jhinjhana area of Shamli district; an STF inspector was also injured.
Mustafa Kagga gang member Arshad along with three others- Manjeet, Satish and one unknown accomplice were injured in the encounter.… pic.twitter.com/PXj1Dhpw6f
— ANI (@ANI) January 21, 2025
ददुआ-ठोकिया एनकाउंटर में शामिल रहे हैं इंस्पेक्टर
STF एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया- इंस्पेक्टर सुनील की हालत नाजुक है। डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे हैं। सुनील कुमार मेरठ के मसूरी गांव के रहने वाले हैं। करनाल SP गंगाराम पूनिया ने भी इंस्पेक्टर के साथ जिला पुलिस की टीम गुरुग्राम भेजी है। सुनील आर्म्ड फोर्सेस से हैं। PAC में कंपनी कमांडर थे। 25 साल पहले एसटीएफ में आए थे। इंस्पेक्टर सुनील ददुआ, ठोकिया समेत कई एनकाउंटर में शामिल रहे हैं।
मारे गए बदमाशों में 3 हरियाणा के - एनकाउंटर में मारे गए तीन बदमाशों की पहचान हो गई है। इनमें सहारनपुर निवासी अरशद, हरियाणा सोनीपत निवासी सतीश और करनाल निवासी मंजीत शामिल हैं। चौथा बदमाश भी हरियाणा बताया जा रहा है।
अब बदमाश अरशद, मंजीत और सतीश के बारे में जानिए
अरशद- फाइनेंस कंपनी में लूट की थी, 17 मुकदमे दर्ज थे - अरशद के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के 17 मुकदमे दर्ज हैं। सबसे पहला मुकदमा 2011 में डकैती का दर्ज हुआ। इसके बाद सहारनपुर के रामपुर मनिहारन थाना क्षेत्र में उसने हत्या को अंजाम दिया। 29 नवंबर, 2024 को बेहट में भारत फाइनेंस कंपनी में 6-7 बदमाशों ने गन पॉइंट पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इसमें अरशद भी शामिल था। लूट के बाद पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि अरशद समेत 4 फरार थे। अरशद के क्रिमिनल रिकॉर्ड को देखते हुए सहारनपुर पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा था। 19 दिसंबर एडीजी ने बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिए। पुलिस और STF लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। अरशद लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था।
मंजीत- हत्या में 20 साल की जेल, पैरोल पर बाहर आया था - मंजीत दहिया ने 2021 में हत्या की थी। हत्या के मुकदमे में उसे कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी। 5 महीने पहले वह 40 दिन की पैरोल पर जेल से आया था। इसके बाद वह वापस नहीं गया। तभी से पुलिस उसे तलाश रही थी।
सतीश- पिता दरोगा थे, कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं - बदमाश सतीश सोनीपत जिले के शेखपुरा गांव का रहने वाला था। 2015 से वह करनाल के मधुबन में रह रहा था। उसके पिता राज सिंह हरियाणा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे। उनकी 2017 में बीमारी के कारण मौत हो गई थी। सतीश का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, वह पुलिस का मुखबिर था।
DGP बोले- इंस्पेक्टर सुनील की हालत गंभीर
DGP प्रशांत कुमार ने कहा- शामली एनकाउंटर में 4 बदमाश मारे गए। हमारे इंस्पेक्टर सुनील भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इंस्पेक्टर सुनील को 3-4 गोलियां लगीं और उनकी हालत गंभीर है। उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है। मारे गए बदमाशों में से एक की पहचान अरशद के रूप में हुई है। अरशद पर 1 लाख रुपए का इनाम था। वह सहारनपुर जिले के एक डकैती के मामले में वांछित था। उसके अन्य 2 साथियों की पहचान मंजीत और सतीश के रूप में हुई है। बदमाशों के पास से 1 ब्रेजा कार, 2 पिस्तौल, 1 कार्बाइन और 3 बंदूकें भी बरामद की गई हैं। अरशद मुकीम काला गिरोह का सक्रिय सदस्य था। उस पर 16 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 5 हत्या के हैं। जून 2024 में रिहा हुआ था। इसके बाद फिर से सक्रिय हो गया। उसने अपना खुद का गिरोह बनाया और लगातार हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आस-पास के इलाकों में इस तरह की हरकतें कर रहा था।