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उत्तराखंड : जंगलों में लगी भीषण आग, सेना के हेलीकॉप्टर को मैदान में उतरना पड़ा; सीएम ने बुलाई बैठक

01:56 PM Apr 27, 2024 IST | CNE DESK
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नैनीताल | उत्तराखंड के जंगलों में आग इस कदर लगी है कि उसे बुझाने के लिए सेना के Mi-17 हेलीकॉप्टर को मैदान में उतरना पड़ा। शुक्रवार को उत्तराखंड में 31 बड़ी आग लगने की घटनाएं हुई हैं। इनमें सबसे बड़ा मामला नैनीताल का सामने आया, जहां हाईकोर्ट की कॉलोनी के आसपास आग पहुंच गई। उत्तराखंड सरकार द्वारा एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को आग बुझाने के लिए बुलाया गया।

शुक्रवार शाम को ही सेना के हेलीकॉप्टर नैनीताल झील, भीमताल झील तथा सातताल झील में रेकी को जुट गए थे। लेकिन अंधेरा होने के कारण अभियान नहीं चलाया जा सका। इधर शनिवार तड़के हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू किया। नगर पालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी राहुल आनंद ने बताया कि जंगलों की आग पर नियंत्रण को लेकर सेना से हेलीकॉप्टर तथा टैंकरों की मदद ली गई है। जल्द ही आग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।

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वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। मेलकनी ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने अभी तक तीन बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है। मेलकानी ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

एयरफोर्स के MI-17 हेलिकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर पैंसठ क्षेत्र में आग बुझाई। इससे पहले भी 2019 और 2021 में आग लगी थी तो बुझाने के लिए MI-17 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। आग से उठ रहे धुएं में आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जंगल में लगी आग के कारण नैनीताल जिला प्रशासन ने नैनी झील में बोटिंग करने पर भी रोक लगा दी है।

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उत्तराखंड के नैनीताल के जंगलों में लगी आग बेकाबू हो गई है। चार दिन से लगी आग की लपटें नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गई हैं। वन विभाग के कर्मचारियों, फायर ब्रिगेड, पुलिस के साथ-साथ सेना के जवान भी आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। एयरफोर्स का MI-17 हेलिकॉप्टर से भी पानी की बौछार की जा रही हैं। लेकिन, गर्मी की वजह से आज लगातार विकराल रूप लेते जा रही है।

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आबादी क्षेत्र तक पहुंचने से हड़कंप

बता दें कि, नैनीताल मुख्यालय से सटे करीब दर्जनभर स्थानों पर जंगलों में लगातार आग धधक रही है। जंगल की आग आबादी क्षेत्र तक पहुंचने से हड़कंप का माहौल है। आग पर काबू पाने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर बुलाए गए हैं। भीमताल झील से पानी भर जंगलों में बौंछार की जा रही है। बता दें कि इन दिनों पहाड़ में लगातार वनाग्नि से जंगल जल रहे हैं। आग पर नियंत्रण को लेकर वन विभाग की तैयारियां भी सफल साबित नहीं हो पा रही हैं। शुक्रवार से शनिवार तक लगातार जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है। इस दौरान लड़ियाकाटा एयर फोर्स, सातताल, सेनेटारिया गेठिया, फरसोली, मल्ला तिरछाखेत भावली, पटवाड़ागर ज्योलिकोट, भवाली रोड़ पाइंस तथा हल्द्वानी मार्ग गेठिया व ज्योलिकोट मार्ग के जंगलों में आग है। वन विभाग के कर्मचारी तथा सेना के जवानों के साथ ही अब वायु सेवा से भी आग पर नियंत्रण को लेकर मदद ली जा रही है।

जंगलों में फैल रही आग को लेकर CM धामी ने बैठक बुलाई

जंगलों में लग रही आग की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गंभीर हैं। हाल ही में उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। इसके लिए डीएफओ को निगरानी करने के निर्देश दिए गए थे। वहीं, आज मुख्यमंत्री ने आग की घटनाओं को लेकर 3:30 बजे फॉरेस्ट ट्रेंनिंग एकेडमी में बैठक बुलाई है। इस साल पूरे उत्तराखंड में जंगलों में आज की 575 घटनाएं सामने आ चुकी है, जिसमें 690 हेक्टेयर के करीब जंगल जल गया है। इससे करीब 14 करोड़ 41 लाख के नुकसान का अनुमान है।

गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में धधक रहे जंगल

गढ़वाल मंडल के चमोली, रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी, पौड़ी और टिहरी, देहरादून के जंगलों में लगातार आग बेकाबू हो रही है। इन क्षेत्रों में ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण गर्मी की वजह से आग तेजी से फैल रही है। फायर फाइटर्स लगातार आग बुझाने में जुटे हैं। कई जगह ऐसे हैं, जहां पानी नहीं पहुंच पा रहा। ऐसी जगहों पर पेड़ों की टहनियों से आग पीटकर बुझाई जा रही है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के अभाव की वजह से आग काबू नहीं हो पा रही है। उधर, कुमाऊं मंडल के नैनीताल, बागेश्वर अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ क्षेत्र में भी जंगलों में आग की कई घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जंगल जल रहे हैं। वहीं, जंगली जानवर भी ग्रामीण क्षेत्र की ओर भाग रहे हैं।

आग लगाते हुए रुद्रप्रयाग में तीन गिरफ्तार

रुद्रप्रयाग में आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। शुक्रवार को तीन लोगों को जंगल में आग लगाते हुए मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें जेल भेजा गया है। पकड़े गए लोगों में नरेश भट्ट, हेमंत सिंह और भगवती लाल के नाम शामिल हैं। अभी तक आग लगाने के मामलों में कुल 19 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 3 मुकदमे नामजद है और 16 मुकदमों में जांच चल रही है।

वनाग्नि की चपेट में आया सल्ट का देवालय सामुदायिक अस्पताल भवन, ऑक्सीजन प्लांट जला

अल्मोड़ा जिले के देवालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वनाग्नि की चपेट में आ गया। देखते ही देखते आग ने अस्पताल के एक भवन को अपनी चपेट में ले लिया। वनाग्नि से अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट और रिकार्ड रूम जलकर राख हो गया। जानकारी के मुताबिक घटना शुक्रवार शाम की है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास का जंगल आग से धधक उठा। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। कुछ ही देर में आग ने रिकार्ड रूम की खिड़की को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगने की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। जब तक आग पर काबू पाया जाता अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट और रिकार्ड रूम जलकर खाक हो गया। चिकित्सा प्रभारी डॉ अक्षय देवायल ने बताया कि अस्पताला की दूसरी बिल्डिंग में एक मरीज भर्ती था। दूसरी बिल्डिंग तक आग पहुंचने से पहले काबू पा लिया गया। रिकार्ड रूम के सारे दस्तावेज जल गए हैं। वहीं ऑक्सीजन प्लांट को नुकसान पहुंचा है।

बागेश्वर से धरमघर रेंज के जंगल धधके

बागेश्वर जिले के जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। बागेश्वर से लेकर धमरघर क्षेत्र के जंगल जल रहे हैं। वन विभाग तथा फायर सर्विस की टीम आग बुझाने में जुटी है। जंगलों को आग लगाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। शुक्रवार को पौड़ी बैंड के निकट जंगल में आग लग गई। आवासीय घरों की तरफ आग फैलने का भय बनने लगा। जिससे पौड़ीधार, रैखोली आदि गांवों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर फायर सर्विस की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। सात रतबे, दाड़िमठोक के जंगल में भी धुएं के गुबार उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जंगल जलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

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