उत्तराखंड में निकाय चुनावों का रास्ता साफ, ओबीसी आरक्षण अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिली
देहरादून | उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर स्थिति साफ हो गई है। राजभवन से ओबीसी आरक्षण को मंजूरी मिलने के बाद जल्द चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। अब एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से ओबीसी आरक्षण लागू होगा। निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू होने के तुरंत बाद ही चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।
20 दिसम्बर के बाद हो सकती है अधिसूचना जारी
दरअसल, पिछले दौरान राज भवन की विधि टीम ने किसी अन्य कानून का हवाला देते हुए इसे रोक लिया था। राजभवन ने ही विधि विभाग से इस पर राय मांगी थी। जिसके बाद अध्यादेश को लेकर विधि विभाग ने अपनी कानूनी राय राजभवन को भेजी थी। इसके बाद राज भवन ने आरक्षण को मंजूरी दे दी है। संभावना है कि 20 दिसंबर के बाद उत्तराखंड में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। उसके बाद चुनाव कराए जाएंगे।
बीजेपी ने राजभवन का धन्यवाद किया
राजभवन से ओबीसी आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिलने पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का आभार व्यक्त किया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिलने से निकाय चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार निकाय चुनाव को जल्द कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय से ओबीसी आरक्षण विधेयक पर सभी की नजर टिकी हुई थी। अब राजभवन से मंजूरी मिलने की से निकाय चुनाव जल्द होंगे।
कांग्रेस ने लगाया चुनाव वक्त पर न करने का आरोप
उधर,कांग्रेस ने अध्यादेश को राजभवन का धन्यवाद दिया है। लेकिन भाजपा सरकार पर चुनाव वक्त पर न करने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में पिछले 1 साल से निकाय चुनाव नहीं कराए गए। सरकार की मनसा चुनाव कराने को लेकर नहीं थी। उन्होंने कहा कि अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद भी सरकार चुनाव टल सकती है। क्योंकि भाजपा चुनाव से डरी हुई है, इसलिए चुनाव को लेकर बार-बार देरी की जा रही है।
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