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बागेश्वरः स्वतंत्रता आंदोलन में कत्यूरघाटी का बहुमूल्य योगदान

09:45 PM Jan 26, 2024 IST | CNE DESK
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👉 गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का सम्मान

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सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में कत्यूर घाटी का बहुमूल्य योगदान रहा है। यहाँ के स्वतंत्रता सग्राम सेनानियों की वीरगाथाएं सुनकर हमें नई ऊर्जा मिलती है।

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श्री बिष्ट भ्रामरी जन कल्याण समिति के तत्वावधान में आयोजित कत्यूर घाटी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के सम्मान समारोह में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। टीटबाजार में गणतंत्र दिवस की 75वी वर्षगांठ पर आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए दर्जा राज्यमंत्री शिव सिंह बिष्ट ने कहा कि देश की आजादी के इतिहास में कत्यूर घाटी का विशेष नाम रहा है। 1921में पंडित बद्री दत्त पांडेय के नेतृत्व में कुली उतार आंदोलन का अंत इसी जनपद की धरती के सरयू- गोमती संगम तट पर हुआ था। जिसे आज भी रंगहीन क्रांति के नाम से जाना जाता है।

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उन्होंने इस अवसर पर कत्यूर घाटी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनो को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। समारोह के मुख्य वक्ता पूर्व दर्जा राज्य मंत्री गोपाल दत्त भट्ट ने स्वतंत्रता आंदोलन की विस्तृत जानकारी देते हुए कत्यूर घाटी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाओं की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के प्रो प्रकाश फुलारा ने आजादी के आंदोलन में कुमाऊ के योगदान का वर्णन करते हुए सालम, खुमाड़, आंदोलन पर विस्तृत चर्चा कर आंदोलन में शामिल रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाओं का वर्णन कर गर्दा द्वारा रचित गीत भी गाये। इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य मोहन चन्द्र पंत, मोहन जोशी, जीवन दुबे, आदि ने स्वतंत्रता आंदोलन में घाटी के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के द्वारा दिये गए योगदान की विस्तृत जानकारी दी। समारोह में क्षेत्र के 34 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों की सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नंदन अलमियां, रतन सिंह किरमोलिया, हरीश जोशी, डीके जोशी,रमेश कांडपाल नीरज पन्त, त्रिलोक बुटोला, जीवन दोसाद, भुवन भट्ट, प्रेमा भट्ट, आशा बटौला, आनंद बिष्ट, दीपक पाठक, देवेंद्र सिंह नेगी, अनिल पांडेय, अखिल जोशी, डॉ मोहन सिंह रावत, रमेश ब्रजबासी आदि मौजूद थे। इससे पूर्व सुर संगीत विद्यालय बागेश्वर की टीम ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता भैरव नाथ टम्टा व संचालन चन्द्र शेखर बड़सीला ने किया।

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