बागेश्वर: रैली निकालकर ग्रामीणों ने मांगा कांडा विकासखंड
✍️ लड़ाई जारी रखने का ऐलान, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कांडा को पृथक विकासखंड की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रैली निकाली। उन्होंने नुमाइशखेत में धरना दिया। वहां आयोजित राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में आए जिलाधिकारी आशीष भटगांई को ज्ञापन दिया। कहा कि विकासखंड बनने तक जंग जारी रखेंगे।
पृथक विकास खंड समिति के अध्यक्ष एडवोकेट गोविंद भंडारी के नेतृत्व में कांडा कमस्यार घाटी के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय में रैली निकाली। कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने योजना आयोग के माध्यम से समग्र ग्रामीण विकास के लिए विकास खंडों की स्थापना की। 1956 में अल्मोड़ा जिले में कांडा विकास खंड स्वीकृत किया गया। कांडा तक मोटर मार्ग नहीं था। जिसे 30 किमी दूर कठायतबाड़ा में अस्थाई रूप से प्रारंभ किया गया। आश्वासन दिया गया कि मोटर मार्ग के निर्माण होने के बाद कांडा में स्थापित होगा। लेकिन तब से आज तक कांडा में विकास खंड स्थापित नहीं हो सका है। जनता लगाकार मांग कर रही है।
सन् 1997 में अल्मोडा से पृथक बागेश्वर जिला बना। बागेश्वर में अल्मोड़ा के ब्लाक ताकुला व भैसिंयाछाना के लगभग 40 ग्राम पंचायते समायोजित की गईं। बागेश्वर विकासखंड में इस समय लगभग 150 से अधिक ग्राम पंचायतें समायोजित हैं। जबकि राज्य के अन्य ब्लाकों में 40 से 50 तक ग्राम पंचायतें ही हैं। बागेश्वर विकास खंड राज्य का सबसे अधिक ग्राम पंचायतों वाला ब्लाक बन गया है। जिसके कारण विकास की योजनाएं सुदूर ग्राम पंचायतों में नहीं पहुंच रही हैं। उन्होंने बागेश्वर विकास खंड का पुनर्गठन करने की मांग की। इस अवसर पर गोपा धपोला, रेखा देवी, आलम मेहरा, अर्जुन माजिला, महेश चंद्र पंत, पंकज डसीला, विनोद कुमार, ललित धपोला, जीतेंद्र वर्मा, भगत डसीला, रमेश पांडे, गोपा धपोला, कवि जोशी, सुरेश रावत, दीवान सिंह धपोला, भवान सिंह धपोला, अर्जुन देव, सुरेंद्र सिह, पंकज पंत, महेश चंद्र पंत आदि उपस्थित थे।