उत्तराखंड: महिला ने अपने भतीजे से किया दुष्कर्म, 20 साल का कारावास
🔥 कोर्ट ने मामले को विकृत कामुकता माना
देहरादून। विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने एक महिला को अपने भतीजे से दुष्कर्म का दोषी पाते हुए बीस साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
दरअसल, गत 05 जुलाई 2022 को एक 16 वर्षीय किशोर की मां ने वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। Court of Additional District and Session Judge Fast Track Special Court (POCSO) Pankaj Tomar ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपित को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया है। कांस्टेबल महेंद्र सिंह नेगी की पैरवी के बाद न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।
विवाद के बाद पति को छोड़ा, भतीजे से बनाने लगी संबंध
आरोपित महिला का पति से विवाद चल रहा था। जिसके बाद से वह मायके रहने लगी। यहां उसने अपने भतीजे के साथ संबंध बना लिए। जिसके बाद उसने एक बालिका को जन्म दिया। जब डीएनए मिलान हुआ तो वह भतीजे की ही निकली। कोर्ट ने इस मामले को विकृत कामुकता मानते हुए निर्णय सुनाया।
16 वर्षीय बेटे से संबंध बनाए
Assistant District Government Advocate Alpana Thapa के अनुसार, पांच जुलाई 2022 को 16 वर्षीय किशोर की मां ने वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया। कहा कि उनकी ननद पति से झगड़ा होने के बाद से गत छह माह से मायके में रह रही है। इस बीच महिला ने उनके 16 वर्षीय बेटे से शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं। कुछ दिन पहले वह बेटे को लेकर लापता हो गई थी। वापस लौटी तो वह गर्भवती थी।
डीएनए जांच में आई सच्चाई सामने
थाने में मामले का मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद आरोपित बुआ को 09 जुलाई को 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। गर्भवती होने के चलते उसे दो जनवरी 2023 को कोर्ट से जमानत मिली। इसके बाद उसने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची की डीएनए जांच कराई तो वह पीड़ित किशोर से मिला। इस बीच न्यायायलय में किशोर आरोप से पलट गया। उसने कहा कि बुआ के साथ उसने सहमति से संबंध बनाए थे।
कोर्ट ने माना लैंगिक हमला
न्यायायल ने माना कि भले ही किशोर ने स्वेच्छा से संबंध बनाए हों, लेकिन वह नाबालिग है। साथ ही उसकी बुआ उससे कई साल बड़ी है। डीएनए जांच रिपोर्ट और किशोर की उम्र को देखते हुए यह लैंगिक हमला है। महिला दोषी है अतएव उसे 20 साल कारावास का फैसला सुनाया गया। महिला को जेल भेज दिया गया है। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने छह गवाह और 14 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए।
महिला 06 बच्चों की है मां
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि यह महिला अब 06 बच्चों की मां है। इसके पूर्व से 05 बच्चे थे, जबकि किशोर से संबंध बनाने के बाद छठा भी हो गया। छठी संतान के रूप में उसने एक लड़की को जन्म दिया है।
महिला भी हो सकती है लैंगिक हमले की दोषी
इधर शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा और अधिवक्ता सौरभ दुसेजा ने कहा कि यदि कोई महिला नाबालिग बालक को अपनी यौन इच्छा पूरा करने के लिए इस्तेमाल करती है तो वह भी लैंगिक हमले की दोषी मानी जायेगी। काननू के अनुसार उसे भी सजा मिलेगी। मंगलवार को आया यह फैसला ऐतिहासिक है।