अल्मोड़ा/बागेश्वर: भारत के विभाजन में बड़ी तादाद में विस्थापित हुए लोग
✍️ विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर गोष्ठी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: यहां आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के उपलक्ष्य में गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें देश के विभाजन पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि भारत का विभाजन विश्व की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है। इससे लाखों लोगों ने जान गवाई, तो बड़ी तादाद में लोगों को विस्थापित होना पड़ा।
अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के निदेशक कार्यालय में आज निदेशक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। यह कार्यक्रम राज्यपाल/कुलाधिपति के निर्देश पर आयोजित हुआ। गोष्ठी में विभाजन विभीषिका पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने विभाजन के उपरांत देश, समाज एवं विकास पर चर्चा की। गोष्ठी में कला संकायाध्यक्ष प्रो. जेएस बिष्ट, कुलानुशासक डॉ. दीपक, डॉ. नंदन बिष्ट, डॉ. गौरव कर्नाटक, डा. विजय बल्लभ, डॉ. धनी आर्या, मनीष तिवारी, डॉ. प्रतिभा फुलोरिया, डॉ. रुबीना अमान, देवेंद्र सिंह धामी, हेम चंद्र पांडे, हरीश बिष्ट, राजेन्द्र बिष्ट, पूरन कनवाल, प्रकाश भट्ट, हीरा सिंह, दान सिंह,गणेश तिवारी, गुलाब राम, शेर सिंह, अनिता नयाल भी उपस्थित थे।
बागेश्वर: भाजपा जिला कार्यालय में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर 14 अगस्त 1947 को धर्म के आधार पर देश के विभाजन में बलिदान हुए लोगों याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि भारत का विभाजन विश्व की सबसे बड़ी मानव विस्थापन और पलायन की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है। इससे उत्पन्न हुई नफरत ने लाखों लोगों की जान ली और करोड़ों लोगों को विस्थापित किया। देश को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी और कई लोग आज भी इस विभीषिका का दंश झेल रहे हैं। इस मौके पर गोविंद पिल्खवाल, विधायक पार्वती दास, सुरेश गड़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण, कुंदन परिहार, संजय परिहार, सुरेश खेतवाल, बलवंत भौर्याल, उमा बिष्ट, रमेश तिवारी, खड़क टंगडिया आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।