अल्मोड़ा की शोधछात्रा संगीता ने खोजा नया परजीवी, यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिला
✍🏿 बेहतर शोध कार्य पर यूकॉस्ट ने प्रदान किया सम्मान
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा कैंपस की शोध छात्रा संगीता रावत ने एक नया परजीवी कीट खोजा है। यह खुलासा उन्होंने यूकास्ट, उत्तराखंड द्वारा गत माह आयोजित संगोष्ठी में किया। इस बेहतर शोध कार्य के लिए यूकॉस्ट द्वारा संगीता रावत को यंग साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के जंतु विज्ञान विभाग की शोध छात्रा संगीता रावत ने नसी जीवों के परजीवी कीटों की जैव विविधता पर उत्कृष्ट शोध कार्य किया है। जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. संदीप कुमार के निर्देशन में शोधरत संगीता रावत ने अब तक के अपने शोध कार्य को गत 8-9 फरवरी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) उत्तराखंड द्वारा आयोजित संगोष्ठी में प्रस्तुत किया। शोधार्थी ने बताया कि उन्हें एक नया परजीवी कीट को खोजा है। यह कीट मधुमक्खी/ततैया समूह के प्राणियों का करीबी है, जिसे चलसीट वेस्प कहा जाता है। यह परजीवी कीट अर्जुन की पत्तियों में गांठ बनने वाले कीटों से मिला है। अर्जुन के पत्तियों को विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। गांठ बनाने वाले कीट के प्रकोप से अर्जुन पेड़ के विभिन्न शाकीय एवं काष्ठीय भोगों की गुणवत्ता में कमी आ जाती है।
शोध छात्रा द्वारा प्रस्तुत कार्य में नए खोजे गए परजीवी कीट का संरक्षण कर अर्जुन के पेड़ के पत्तियों में गांठ उत्पन्न करने वाले नाशी कीट का जैव नियंत्रण किया जा सकता है। इस प्रकार अर्जुन पेड़ की अच्छी वृद्धि को बनाने में सहायता मिलेगी। पेड़ पौधे शाकाहारी कीट एवं शाकाहारी कीटों के ऊपर भोजन के लिए आश्रित परजीवी कीट आपस में मिलाकर ट्राईट्रोफिक इंटरेक्शन को स्थापित कर प्राकृतिक संतुलन को बनाकर रखते हैं। इस शोध कार्य को यूकोस्ट संगोष्ठी में प्रस्तुत करने पर संगीता रावत को युकॉस्ट द्वारा यंग साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया। उल्लेखनीय है कि संगीता रावत ने अपने इस शोध कार्य में उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र के 50 तरह के पौधों को हानि पहुंचाने वाले नाशी कीटों के परजीवी कीटों का गहन अध्ययन किया है। जो कि हानिकारक कीटों को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉ. संदीप कुमार के निर्देशन में हुए शोध कार्य की विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने सराहना की है और इसके लिए डा. संदीप कुमार व शोध छात्रा संगीता को शुभकामनांए देते हुए उनके कार्य को विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात बताया है। इस उपलब्धि पर डॉ. मुकेश सामंत, डॉ. आरसी मौर्य, विश्वविद्यालय और परिसर परिवार के शिक्षकों ने खुशी जाहिर की है।