For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.

जब अस्पताल में बुरी तरह भिड़े दो चिकित्सक और मरीजों में अफरातफरी मची

08:56 PM Jul 30, 2024 IST | CNE DESK
जब अस्पताल में बुरी तरह भिड़े दो चिकित्सक और मरीजों में अफरातफरी मची
Advertisement
















✍️ स्वास्थ्य सेवा के साथ खिलवाड़ का ताजा उदाहरण बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ
✍️ पहले से ही कई खामी होने की शिकायतें, अब विवाद मारपीट तक पहुंचा
✍️ कई संगठनों का चढ़ने लगा पारा, दोनों चिकित्सकों को हटाने की मांग

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जहां उच्चाधिकारियों व मंत्रियों द्वारा समय—समय पर मरीजों को बेहतर इलाज देने, बाहर की दवाएं नहीं लिखने और मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार बनाये रखने के निर्देश दिए जाते रहे हैं, वहीं अस्पतालों में कई बार इसके उलट स्थिति देखने में आ रही है। इसका ताजा उदाहरण बागेश्वर जिले का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ में सामने आया है। जहां मरीजों से सीधे मुंह बात नहीं होने तथा स्टाफ में विवाद होते रहने की शिकायतें तो आए दिन मिलती हैं, वहीं गत सोमवार को अस्पताल में दो चिकित्सक आपस में बुरी तरह भिड़ गए। करीब आधे घण्टे तक चले इस झगड़े को देख अस्पताल में मरीजों में भी अफरातफरी मच गयी। यह मामला काफी चर्चाओं में है, हालांकि इसमें अभी तक किसी भी ओर से तहरीर नहीं दी गई है।

Advertisement

जनपद के अस्पतालों में कितनी सजगता व समन्वय से काम हो रहा है। इस बात का अंदाजा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहन सिंह मेहता सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैजनाथ के घटनाक्रम से लगाया जा सकता है। जहां प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ के बीच विवाद काफी समय से विवाद चल रहा है और इसका खामियाजा उन मरीजों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी सेवा के लिए चिकित्सक व स्टाफ नियुक्त किए हैं। गत सोमवार सांय चिकित्सालय में तैनात रेडियोलॉजिस्ट तथा प्रभारी चिकित्साधिकारी के बीच किसी बात को लेकर बहस छिड़ी। यह बहस इतनी बढ़ी कि दोनों में जूतमपैजार हो गई। इससे अस्पताल में स्टाफ व मरीजों में अफरा तफरी मच गई। दोनों चिकित्सकों के बीच मारपीट का असर आज मंगलवार को भी मरीजों को उठाना पड़ा।
अब चढ़ने लगा लोगों का पारा

Advertisement

लोग अस्पताल में बने अशोभनीय माहौल से पहले से ही परेशान हैं। शिकायतें मिल रही हैं कि मरीजों को बिना कारण बताए हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है और कारण पूछने वाले ​तीमारदार को फटकार लगा दी जाती है। अब उक्त ​स्थिति से खिन्न लोग खुलकर सामने आने लगे हैं। गत दिवस की घटना से नाखुश सामाजिक व राजनैतिक संगठनों व ग्राम प्रधान संगठन ने जिला प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेते हुए उक्त दोनों चिकित्सकों को हटाने की मांग उठा दी है। लोगों में इस बात को लेकर भी रोष है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ में पैथोलॉजी होने के बावजूद मरीजों को बाहर से जांच कराई जाती हैं और बाहर की दवाएं लिखी जाती हैं, लेकिन इसकी लिखित शिकायत करने के बाद भी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

सोशल मीडिया में चर्चा, किसी तरफ से तहरीर नहीं

गरुड़। पीएचसी बैजनाथ का उक्त मामला सोशल मीडिया पर जमकर फैल रहा है और इसपर लोग चटकारे ले रहे हैं। थानाध्यक्ष बैजनाथ पीएस नगरकोटी ने बताया कि दोनों पक्षों में से कोई तहरीर नही मिली है। तहरीर मिलने पर जांच एवं कार्रवाई होगी जबकि प्रभारी सीएमओ डा. हयांकी ने कहा है कि सीएचसी बैजनाथ की शिकायतों की जांच की जाएगी। उन्होंने मारपीट की जानकारी होने से इंकार कर दिया। इधर जब संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो दोनों चिकित्सकों के नंबर कभी नाट रिचेबल, तो कभी स्विच आफ मिले।

एक बार जांच हुई, रिपोर्ट का पता नहीं

गरुड़: अस्पताल में तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारी के खिलाफ पूर्व में कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष ने मोर्चा खोला था। इसके बाद तत्कालीन अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच की, लेकिन तब से 5 माह गुजर गए और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई।
ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं, सीएचसी में अटैच हैं सीएचओ

गरुड़। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को उपचार मिल सके, इसके लिए विभिन्न केंद्रों पर सीएचओ तैनात किए, मगर गरुड़ ब्लाक अंतर्गत प्रभारी चिकित्साधिकारी की कृपा से अधिकांश सीएचओ अस्पताल में सम्बद्ध हैं। अनदेखी व अनसुनी का आलम ये है कि शिकायत के बाद भी उन्हें उनकी तैनाती स्थल में नहीं भेजा गया है।
विभिन्न संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

गरुड़। बैजनाथ चिकित्सालय में बढ़ती अव्यस्थाओं के खिलाफ ग्राम प्रधान संगठन, सिविल सोसाइटी, युवा मंच, कांग्रेस व भाजपा संगठनों से जुड़े कई लोगों ने दोनों विवादित चिकित्सकों को तत्काल हटाने और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग उठा दी है। साथ ही अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने की मांग की है। उन्होंने दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, क्षेत्रीय विधायक पार्वती दास, जिलाधिकारी, सीएमओ को ज्ञापन भेजकर कहा है कि अगर अविलंब मामले की जांच व दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

Advertisement

×