Uttarakhand : BJP विधायक महेश जीना सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज, पढ़ें पूरा मामला
Uttarakhand News | अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक महेश जीना के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। नगर निगम देहरादून वाहन चालक संघ के सचिव की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है। बीजेपी विधायक पर नगर आयुक्त के साथ अभद्रता का आरोप लगा था। वहीं कोतवाली देहरादून में दर्ज हुए इस मामले में पुलिस द्वारा BJP विधायक महेश जीना और चार अन्य व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसमें पुलिस ने धारा 147, 186, 504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता यशपाल सिंह ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि बीजेपी विधायक महेश सिंह जीना 5 मार्च को दोपहर 3:30 बजे अपने 4 व्यक्तियों के साथ नगर निगम में पहुंचकर वरिष्ठ लिपिक पवन थापा (विश्लाग कर्मचारी) तथा कंलटैन्ट अंकुश सोनी के साथ गाली-गलोच, जान से मारने की धमकी दी गई। इस घटना से आकोशित होकर नगर निगम के तीनों कर्मचारी संघों द्वारा हड़ताल कर दी गई, जिस कारण शहरी संपूर्ण सफाई व्यवस्था ठप हो गई। इस मामले में सल्ट विधायक महेश सिंह जीना और उनके साथ आए अन्य 4 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करते तत्काल गिरफ्तार किए जाए।
IAS एसोसिएशन ने भी की निंदा
बीजेपी विधायक द्वारा नगर आयुक्त के साथ की गई अभद्रता को लेकर IAS एसोसिएशन ने भी निंदा की। IAS एसोसिएशन ने कहा कि बीजेपी विधायक महेश जीना द्वारा नगर निगम कार्यालय में कर्मचारियों/अधिकारियों तथा नगर आयुक्त के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अमर्यादित व्यवहार किया गया है। नगर निगम कार्यालय द्वारा टेंडर के संबंध में विधिक प्रकिया के संबंध में बीजेपी विधायक द्वारा टेंडर को अपने परिजन के पक्ष में प्रभावित करने हेतु अनुचित दबाव डाला गया। सरकारी कार्य में अनुचित हस्तक्षेप किया गया तथा कार्यालय के कार्य-वातावरण में प्रतिकूल प्रभाव डाला गया। आईएएस एसोसिएशन इस कृत्य की घोर निंदा करता है।
ये है पूरा मामला
दरअसल भाजपा विधायक के एक परिचित ने नगर निगम की ओर से लीगेसी वेस्ट को खत्म करने के लिए टेंडर डाला था। लेकिन विधायक के परिचित की कंपनी का टेंडर निरस्त हो गया। जहां भाजपा विधायक 5 मार्च को दोपहर बाद अपने समर्थकों के साथ नगर निगम पहुंचे, यहां उन्होंने टेंडर निरस्त होने की जानकारी नगर निगम के कर्मचारियों से लेनी चाही, पहले विधायक सहायक आयुक्त एसपी जोशी के कक्ष में गए लेकिन सहायक आयुक्त मौजूद नहीं थे। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद हेड क्लर्क पवन थापा को टेंडर के बारे में पूछा, उन्होंने थापा को जिनके नाम पर टेंडर खुला है उसकी फाइल दिखाने को कहा, पवन थापा के मना करने पर विधायक भड़क गए और वहीं पर गोली गलौज और बदतमीजी शुरु कर दी।
नगर आयुक्त से भिड़े विधायक
उसके बाद विधायक नगर आयुक्त के कार्यालय में पहुंच गए, जहां उन्होंने फिर से टेंडर निरस्त होने की जानकारी मांगी और जिनके नाम पर टेंडर हुआ है उसकी फाइल दिखाने को कहा। जिस बात को लेकर नगर आयुक्त और विधायक के बीच बहस शुरू हो गई। शोर होने पर नगर निगम में कर्मचारी भी वहां पहुंच गए।
विधायक ने दी सफाई, कहा कोई बदसलूकी नहीं की
उधर भाजपा विधायक महेश जिन का कहना है कि उन्होंने कोई बदसलूकी नहीं की है। उन पर झूठे आरोप लगाकर मामले को तूल दिया जा रहा है, विधायक का कहना है कि वह सिर्फ टेंडर के बारे में जानकारी लेने गए थे लेकिन अधिकारी नियम कायदों को दरकिनार कर अपने करीबी लोगों को टेंडर दे रहे हैं। जीना ने कहा कि मुझ पर आरोप लगाया जा रहा है कि मैं अपने बेटे के लिए टेंडर लेने गया था, जबकि इसमें किसी तरह की कोई सत्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि यह सिद्ध होता है कि वह टेंडर अपने बेटे के लिए लेने गए थे तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे, नहीं तो निगम कमिश्नर को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।