केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, छह फसलों पर एमएसपी बढ़ाया
नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने बुधवार को किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने रबी की फसलों के लिए न्यूयनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में इजाफा किया है। ये फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया गया।
अधिसूचना जारी कर सरकार ने बताया कि गेहूं के लिए एमएसपी 2275 रुपये से बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। वहीं, जौ का एमएसपी 1850 रुपये से बढ़ाकर 1980 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। चने पर एमएसपी 5440 रुपये से बढ़ाकर 5650 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। दाल (मसूर) पर एमएसपी 6425 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। सरसों पर एमएसपी 5650 रुपये से बढ़ाकर 5950 रुपये प्रति क्विंटल की गई। कुसुम पर एमएसपी 5800 रुपये से बढ़ाकर 5940 रुपये प्रति क्विंटल की गई है।
क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइस?
न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है, जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे। सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
MSP में 23 फसलें शामिल होती हैं:
> 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
>> 5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
>> 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
>> 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)
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