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हिमाचल, जम्मू-कश्मीर व उत्तराखंड में वर्ष का पहला हिमपात

11:02 PM Jan 31, 2024 IST | CNE DESK
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नई दिल्ली/शिमला/श्रीनगर/देहरादून | हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में इस वर्ष का पहला हिमपात हुआ जबकि विभिन्न स्थानों विशेषकर मैदानी इलाकों में बारिश भी हुई।

हिमाचल प्रदेश में कुफरी, नारकंडा और मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर सर्दियों के मौसम में चार महीने के सूखे के बाद पहला हिमपात हो रहा है। नारकंडा में आज सुबह पांच सेंटीमीटर हिमपात हुआ जबकि और अधिक हिमपात की उम्मीद है। डलहौजी, मनाली और कुफरी में शुरुआत में हल्की बारिश हुई, जो बाद में हिमपात में बदल गया। शिमला और आसपास के इलाकों में सुबह हल्की बारिश हुई। आसमान में बादल छाए रहने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मध्यम हिमपात की सूचना मिली है।

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भारतीय मौसम विभाग ने विभिन्न स्थानों पर वर्षा दर्ज कीरू सलोनी (चंबा) में 25.2 मिमी, मनाली में 12 मिमी, पंडोह में 5.5 मिमी, सराहन (शिमला) में सात मिमी, रामपुर में नौ मिमी, डलहौजी में 7 मिमी, कुल्लू के भुंतर में 8.2 मिमी और सियोबाग में 8.8 मिमी बारिश हुई।

मौसम कार्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हिमपात की सूचना दीरू लाहौल स्पीति के कुकुमसेरी में 14 सेमी, शिमला के खदराला में 14 सेमी, चंबा के भरमौर में 8.6 सेमी, किन्नौर के सांगला में 5 सेमी, कोकसर में 2.5 सेमी, सुमधो में 4.8 सेमी और शिलारू में पांच सेमी।

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मनाली में ताजा हिमपात के कारण अटल टनल रोहतांग के लिए यातायात बंद कर दिया गया, एटीआर के दक्षिण और उत्तरी पोर्टल पर पर्याप्त हिमपात दर्ज की गई। शिमला के डोडराकावर, हाटू और खड़ापत्थर सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सुबह की बारिश के बाद हल्की से मध्यम हिमपात हुई।

अप्रत्याशित मौसम ने लंबे समय से सूखे का सामना कर रहे सेब उत्पादकों को राहत दी, क्योंकि उनके बगीचे धूल भरी परिस्थितियों और मिट्टी की सतह की दरारों से पीड़ित थे। निचले इलाकों में बारिश का इंतजार कर रहे किसानों ने ऑफ-सीजन बुआई में देरी के बारे में चिंता व्यक्त की, जिससे गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलें प्रभावित होंगी, जो पहले से ही सूखे के कारण बर्बाद हो गई थीं।

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शीतकालीन हिमपात में देरी ने भी सेब उत्पादकों को प्रभावित किया, जिससे उन्हें लगातार शुष्क मौसम के कारण नए पेड़ लगाने और बगीचे के बिस्तर तैयार करने से पहले इंतजार करना पड़ा। मौसम विभाग ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले दो दिनों के लिए मध्य और ऊंचे इलाकों के साथ-साथ तलहटी इलाकों में बारिश और हिमपात की भविष्यवाणी की गई है।

हिमाचल के केलांग माइनस पांच डिग्री, काजा माइनस सात, कुकुमेसरी माइनस दो, कल्पा माइनस 1.2, नारकंडा माइनस 1.3, मनाली 1.4, कुफरी 0.3, सोलन 4, भुंतर एयरपोर्ट 6.8, मंडी 6.6, हमीरपुर 8.8, डलहौजी 1.2, ऊना 9.7, शिमला 2.4, बिलासपुर 10, जुब्बरहाटी एयरपोर्ट 5.5, कांगड़ा 8.6, धर्मशाला 5.4 और सिरमौर के नाहन में 7। डिग्री सेल्सियस रहा।

श्रीनगर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घाटी के ऊपरी इलाकों में अच्छी खासी हिमपात हुई जिससे संबंधित इलाकों में बर्फ की सफेद चादर जैसी बिछ गयी जबकि श्रीनगर सहित मैदानी इलाकों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और फिर सप्ताहांत में हिमपात होने का अनुमान जताया है। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट सहित घाटी के ऊंचे इलाकों में हिमपात हुआ।

कश्मीर के कुपवाड़ा, गंदेरबल , अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम जिलों के ऊपरी इलाकों में भी हिमपात होने की सूचना है। पिछले तीन दिनों से ऊंचे इलाकों में रुक-रुक कर हो रहेही हल्की से मध्यम बर्फबारी के कारण कश्मीर डिवीजन के उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों के ऊंचे इलाकों में काफी बर्फ जमा हो गई है जिसके कारण ऊंचे इलाकों तथा महत्वपूर्ण दर्रों में सड़कें अस्थायी रूप से बंद हो गई हैं।

दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले को जम्मू प्रांत के पीर पंजाल इलाके में पुंछ से जोड़ने वाली ऐतिहासिक मुगल रोड भारी हिमपात के कारण बंद रही। दूसरी तरफ श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद है। इस सर्दी में घाटी में लंबे समय तक शुष्क मौसम रहा। मंगलवार को समाप्त हुए सर्दी के सबसे कठाेर चरण 40 दिवसीय ‘चिल्लई कलां’ के दौरान मैदानी इलाकों में कोई हिमपात नहीं हुआ।

मौसम विभाग ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दोपहर और शाम के बाद से गुरुवार सुबह और कल तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या हिमपात होने का अनुमान है। साथ ही उत्तर, उत्तर-पश्चिमी और दक्षिण कश्मीर के कुछ ऊंचे इलाकों में भारी हिमपात हो सकता है। चार फरवरी तक हल्की से मध्यम बारिश या हिमपात जारी रहेगा। वहीं पांच से 12 फरवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस बीच पूरी कश्मीर घाटी में रात के तापमान में सुधार हुआ है। राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि पिछली रात यह 0.8 डिग्री सेल्सियस था।

उत्तराखंड में मौसम ने ली करवट

देहरादून से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में बुधवार को मौसम ने करवट ले ली। पहाड़ी इलाकों में अभी तक हिमपात न होने से हताश किसान और पर्यटकों को आज कुछ राहत मिली। देहरादून के चकराता और उत्तरकाशी के गंगोत्री, यमुनोत्री और पिथौरागढ़, अल्मोड़ा जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में इस साल का पहला हिमपात हुआ।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, समुद्र तट से ढाई हजार फीट की ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में अधिकांश स्थानों पर आज हल्का हिमपात हो रही है। इन स्थानों में रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले के ऊंचाई वाले इलाके शामिल हैं। मैदानी जिलों में अधिकांशत: ठंडी हवा चल रही हैं और बादल छाए हुए हैं। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश भी हुई है।

जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चेतावनी

इस बीच जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के छह जिलों के ऊंचे इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जेकेडीएमए) ने बुधवार को कहा कि अगले 24 घंटों में जम्मू संभाग के डोडा जिले और कश्मीर के गांदरबल के ऊंचे इलाकों में समुद्र तल से 2800 और 3500 मीटर की ऊंचाई पर ‘कम खतरे’ स्तर का हिमस्खलन होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू संभाग के पुंछ और कश्मीर घाटी के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में 2400 मीटर से ऊपर ‘मध्यम खतरे’ स्तर का हिमस्खलन होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और अगले आदेश तक हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। इन जिलों के ऊपरी इलाकों में आज हल्का से मध्यम हिमपात हुआ।

वहीं शिमला से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में जनजातीय क्षेत्र पांगी में मंगलवार देर रात से हुई लगातार बर्फबारी के बाद घाटी मुख्यालय किलाड़ में छह इंच के करीब ताजा हिमपात हुआ है। इसके चलते इलाके में प्रचंड शीतलहर चल रही है।

उधर, प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों से भूस्खलन ग्रस्त क्षेत्रों की ओर न जाने की भी अपील की है। इसके साथ ही एडवाइजरी जारी कर दी गई है। तहसीलदार पांगी शांता कुमार ने बताया कि घाटी में मंगलवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। पांगी में मौसम के बदलते तेवर से किसानों के चेहरे खिल उठे है।

वहीं ऊपरी चोटियों हुडान भटोरी, चस्क भटोरी, परमार भटौरी में करीब नौ इंच तक बर्फबारी हुई है। हिमपात के कारण पांगी की अधिकतम सड़कें बंद हो गई हैं। सुबह के समय मुख्यालय किलाड़ आए लोगों को पैदल आवाजाही करनी पड़ी। उधर, हिमपात के कारण घाटी की एक दर्जन पंचायतों में अंधेरा छाया रहा। पावर हाउस साच की जगह-जगह लाइन खराब होने के कारण बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है।

वहीं पांगी से बाहर जाने वाले मार्गों में वाया कुल्लू-मनाली के उदयपुर में मार्ग बाधित होने से घाटी पूरे विश्व से कटी हुई है। मौजूदा समय में घाटी के 32 संपर्क मार्ग बाधित है। उधर, पांगी प्रशासन की ओर से बीआरओ, लोनिवि व बिजली बोर्ड के अधिकारियों को कड़े आदेश दिए हैं।

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