सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने खुद को गोली मारी, चुनाव के समय पद से हटाए गए थे
UP News | उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में लोकसभा चुनाव के दौरान पद से हटाए गए समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने शनिवार सुबह बुद्धि विहार स्थित अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मझौला पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची।
पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मपाल यादव ने अपने बुद्धि विहार स्थित घर के अंदर पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना से उनके परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कानूनी प्रक्रिया शुरू की। जानकारी मिलने पर भाजपा नेता व विधान परिषद सदस्य डॉ जयपाल सिंह व्यस्त समाजवादी पार्टी (सपा) जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, जिला सचिव समेत अन्य कई कार्यकर्ता के अलावा आसपास के लोग आवास पर पहुंच गए।
घटना की सूचना बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व सांसद वीर सिंह ने घटना की जानकारी दी। सूचना मिलने पर थाना मझौला पुलिस और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच गई। मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला और आत्महत्या की वजह सामने नहीं आई है।
गौरतलब है कि हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान डीपी यादव को आठ अप्रैल को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। मुरादाबाद से निवर्तमान सांसद डॉ एस टी हसन के टिकट कटने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में चल रही खींचतान के बीच मतदान से कुछ दिन पहले यानी आठ अप्रैल को डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। पदच्युत होने के बाद धर्मपाल यादव ने अपने बयान में कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को मुरादाबाद का सिंबल दिया था लेकिन समय से सिंबल नहीं आने के कारण (नवनिर्वाचित सांसद) रुचि वीरा प्रत्याशी हो गईं। इस मामले में उनका कोई दोष नहीं था। पार्टी ने किन कारणों के चलते हटाया उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। वह आज़म खां को अपना नेता नहीं मानते हैं उनके नेता डॉ रामगोपाल यादव हैं।
फिलहाल इस घटना से समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को गहरा सदमा लगा है क्योंकि एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में रुचि वीरा की जीत का जश्न मना रहे हैं, तो वहीं दूसरी और इस खबर के सामने आ जाने से कार्यकर्ताओं में शोक व्याप्त हो गया। फिलहाल पुलिस ने घटनास्थल को सील कर रखा है और सबूत जुटा रही है। स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं में उनकी मौत को लेकर चर्चा है कि आखिर ऐसी क्या वजह हो सकती हैं, जो उन्होंने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया?
घटना के वक्त पूरा परिवार घर पर ही था
घटना के वक्त डीपी यादव की पत्नी सविता, बेटा अंकित और बेटी अंजलि ग्राउंड फ्लोर पर थे। बेटा सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। जबकि बेटी दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है। घरवालों का कहना है कि वह काफी समय से डिप्रेशन में थे। सपा जिलाध्यक्ष और डीपी यादव के रिश्तेदार जयवीर यादव ने कहा- वह पूरी तरह से ठीक थे। उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया? समझ में नहीं आ रहा है।