हल्द्वानी : रोडवेज बसों के पहिए रुके, हड़ताल से हजारों यात्री रहे परेशान
हल्द्वानी समाचार | नए साल के पहले दिन ही रोडवेज बस चालकों ने सड़क हादसे पर नए कानून (Hit And Run Law 'हिट एंड रन' कानून) के विरोध में हड़ताल कर बसों का संचालन बंद कर दिया। बस चालकों ने तीन दिन हड़ताल करने का ऐलान किया है।
सोमवार को बसों के पहिए थमने से यात्री दिनभर भटकने को मजबूर रहे। हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। तीन दिन की हड़ताल की घोषणा के चलते बुधवार तक बसों का संचालन ठप रहने की आशंका है। ऐसे में यात्रियों की दिक्कतें दो दिन और बढ़ेंगी।
हल्द्वानी से हर दिन औसतन 150 बसों का संचालन किया जाता है। इनमें से अधिकांश पड़ोसी राज्यों के साथ की राज्य के मैदानी और पहाड़ी जिलों के लिए रवाना होती हैं। औसतन चार से पांच हजार यात्री हर रोज इन रोडवेज की बसों में सफर करते हैं। सोमवार को साल का पहला दिन होने के कारण स्टेशन पर सुबह से ही यात्रियों की अच्छी खासी भीड़ जुटने लगी। इनमें अधिकांश नववर्ष का जश्न मनाकर लौट रहे लोग भी शामिल थे।
रोडवेज बस चालकों के हड़ताल में शामिल होने को लेकर सुबह तक निर्णय नहीं हो पाया था। इस कारण सुबह पांच बजे से रोडवेज प्रबंधन ने तय समय के अनुसार बसों का संचालन शुरू कर दिया। करीब आठ बजे तक पर्वतीय और मैदानी मार्गों के लिए आधा दर्जन से ज्यादा बसों रवाना हो गईं। कुछ देर बाद चालकों को सूचना मिली की देशभर में बस चालक आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। विभिन्न प्रदेशों के रोडवेज चालकों ने हड़ताल में शामिल होने से निर्णय लिया है।
आठ बजे बाद स्टेशन से कोई बस रवाना नहीं हुई। एकाएक बसों का संचालन ठप होने से यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। समय बीतने के साथ ही बस खोजने वालों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई। अपने रूट की बस के लिए लोग दिनभर भटकते रहे। इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका।
पूछताछ केंद्र पर जानकारी लेने पर उन्हें चालकों के हड़ताल का रटा-रटाया जवाब सुनने को मिला। अधिकांश यात्री को घंटों इंतजार के बाद भी देर शाम तक गंतव्य के लिए बस नहीं मिल सकी।
परिवहन निगम में सहायक महाप्रबंधक एसएस बिष्ट ने बताया कि चालक हड़ताल पर होने से बसों का संचालन नहीं हो रहा है। प्रबंधन लगातार बस चलाने के लिए उनसे बातचीत कर रहा है।
क्यों कर रहे विरोध
दरअसल केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना होने पर चालक के खिलाफ होने वाली कारर्वाई को नए नियम (Hit And Run Law) लागू कर रही है। इसके तहत हादसा होने की दशा में चालक को 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक अर्थदंड लगाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद वाहन चालकों में आक्रोश बना हुआ है।
दूसरे राज्यों की बसें भी नहीं आईं हल्द्वानी
Hit And Run Law में बदलाव के विरोध में हड़ताल होने से जहां उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का संचालन ठप रहा, वहीं हर रोज दूसरे राज्यों से आने वाली बसें भी नहीं पहुंच सकीं। इससे हल्द्वानी आने वाले यात्री भी यहां नहीं पहुंच सके। चार राज्यों से हर दिन 90 बसें हल्द्वानी पहुंचती हैं।
उत्तराखंड परिवहन निगम के साथ ही यूपी, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब रोडवेज की बसों का संचालन हल्द्वानी स्टेशन से किया जाता है। हर दिन चार राज्यों से नब्बे बसें यहां पहुंचकर रात तक वापसी करती हैं। देश भर में बस चालकों की हड़ताल के चलते सोमवार को एक भी बस हल्द्वानी नहीं पहुंच सकी। ऐसे में हल्द्वानी आने वाले यात्री भी यहां नहीं पहुंच सके। दिन भर बसों की आवाजाही से गुलजार रहने वाले स्टेशन पर एक बस भी ढूंढना मुश्किल हो गया।