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अतीत के पन्नों को पलटने का अवसर प्रादान करती है "हिमाल"

04:43 PM Jul 29, 2024 IST | CNE DESK
अतीत के पन्नों को पलटने का अवसर प्रादान करती है  हिमाल
अतीत के पन्नों को पलटने का अवसर प्रादान करती है "हिमाल"
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✒️ हिमाल 2024 स्मारिका का विमोचन

📌 चीफ गेस्ट ब्रिगेडियर संजय कुमार यादव ने किया शुभारंभ

रानीखेत। 'हिमाल'2024 स्मारिका का विमोचन यहां छावनी परिषद बहूउद्देशीय सभागार में केआरसी कमांडेंट ब्रिगेडियर संजय कुमार यादव विशिष्ट सेवा मेडल द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि स्मारिका छावनी क्षेत्र की समस्याओं को समझने तथा उनके समाधान का रास्ता देने के साथ ही यहां के इतिहास से भी परिचय कराती है। वरिष्ठ पत्रकार एवं स्मारिका के संपादन सहयोगी विमल सती ने 'हिमाल' को रानीखेत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक साहित्यिक, राजनीतिक गतिविधियों का दस्तावेज बताया कहा कि स्मारिका हमें अतीत के पन्ने पलटने का अवसर देती है।

इससे पूर्व हिमाल स्मारिका विमोचन समारोह का शुभारंभ ब्रिगेडियर संजय कुमार यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि के स्वागत में विवेकानंद उमावि रानीखेत के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत व सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी।

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समाधान की दिशा में बढ़ने का उचित माध्यम

मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर संजय कुमार यादव ने कहा कि स्मारिका के पूर्व अंक को आद्योपांत पढ़ने के बाद कह सकता हूं कि रानीखेत छावनी क्षेत्र की समस्याओं को रक्षा अधिकारियों तक पहुंचाने और उनके समाधान की दिशा में बढ़ने का यह एक उचित माध्यम है। उन्होंने कहा कि भविष्य में रानीखेत क्षेत्र में आज़ादी के बाद सेना और छावनी परिषद में रहे अधिकारियों ने विकास में क्या योगदान दिया इसका भी जिक्र आना चाहिए; क्योंकि आज़ादी से पहले ब्रिटिशर्स ने यहां की स्वच्छ जलवायु के दृष्टिगत जो छावनी बसाई उनका 1947 के बाद के विकास को कमतर नहीं आंक सकते।

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उन्होंने संपादक मंडल को सुझाव दिया कि रानीखेत के दर्शनीय स्थलों और रेजीमेंट के इतिहास के साथ छावनी से इतर नागरिक क्षेत्र के विलय पर भी सुझावात्मक आलेख को भविष्य में स्मारिका में स्थान दें। उन्होंने कहा कि रानीखेत में पेयजल संकट व खेल मैदान की समस्या 1953 से बनी हुई है। सबको मिलजुल कर समाधान की दिशा में बढ़ना होगा। उन्होंने हिमाल के प्रकाशन के लिए संपादक मंडल को बधाई दी।

गोल्फ कोर्स खोलने की समयावधि बढ़ायें

इस अवसर पर संपादक मोहन नेगी ने स्मारिका को सर्वांगपूर्ण बनाने के लिए रचनाकारों, विज्ञापनदाताओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। कहा कि कतिपय कारणों से इस बार हिमालय के प्रकाशन में विलम्ब हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर यादव को रानीखेत के हित में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाला अधिकारी बताया और गोल्फ कोर्स खोलने की समयावधि बढ़ाने की मांग की।

समारोह का संचालन करते हुए एडवोकेट राजेंद्र जसवाल ने मुख्य अतिथि का विस्तृत परिचय देते उनकी सामाजिक अभिरूचि की प्रशंसा करते हुए कार्यक्रम में समय देने के लिए आभार जताया। हिमाल टीम के राजेन्द्र पंत और पत्रकार कामरान कुरैशी ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ देकर और विमल‌ सती, मोहन नेगी ने स्मृति चिह्न और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

यह लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ कपिलेश भोज, शिव मंदिर धर्मशाला समिति के अध्यक्ष कैलाश पांडे, महासचिव अतुल अग्रवाल, विमल भट्ट, मोहन चंद्र जोशी, उमेश चन्द्र पाठक, महेश जोशी, मनोज अग्रवाल, राजेन्द्र प्रसाद पंत, छावनी कार्यालय अधीक्षक रमा नेगी, जगदीश अग्रवाल, कोतवाल अशोक धनखड़, रामेश्वर गोयल, दीप भगत, भुवन चंद्र साह, अनिल वर्मा, राजेन्द्र बिष्ट, मुकेश साह, अशोक पाण्डे, हरीश शर्मा, कैलाश कांडपाल आदि लोग मौजूद रहे।

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