Almora : कुणाल तिवारी पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में गूंजे जनगीतों के स्वर
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। उत्तराखंड लोक वाहिनी के सक्रिय सदस्य व जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के भतीजे कुणाल तिवारी का 41 साल की आयु में आकस्मिक निधन हो गया है। विश्वनाथ घाट में अत्यंत गमगीन माहौल में उनकी अंत्येष्टि हुई। अंतिम यात्रा में लोगों ने जनगीत गाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीलिया रोग से हो गये थे ग्रसित
कुणाल तिवारी ने अपने रानीधारा स्थित आवास में अंतिम सांस ली। बीते कुछ समय से वह अस्वस्थ चल रहे थे। विश्वनाथ घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई गौरव ने मुखाग्नि दी। बताया जा रहा है कि बीते अक्टूबर माह में कुणाल की ताई का निधन हो गया था। इसके बाद उनकी तबियत भी बिगड़ गई थी। उन्हें पीलिया हो गया था।
इधर उत्तराखंड लोक वाहिनी की शोक सभा में सक्रिय सदस्य कुणाल तिवारी के निधन पर गहरा दु:ख प्रकट किया गया। वरिष्ठ नेता एडवोकेट जगत रौतेला की अध्यक्षता में आयोजित शोकसभा का संचालन वाहिनी के महासचिव पूरनचंद्र तिवारी ने किया।
शोक सभा में दी भावभीनी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर कुणाल तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए वक्ताओं ने कहा कि वह उत्तराखंड लोकवाहनी का एक सक्रिय सदस्य था। सभी कार्यक्रमों में अक्सर भागीदारी किया करता था। एक लोक कलाकार, गीतकार, सामाजिक कायकर्ता और साइकिलिस्ट भी था। जन सरोकारों के साथ वह जुड़ा हुआ था।
पीलिया हो जाने से वह संभल ही नही पाया। उपचार के दौरान उसका निधन हो गया। उन्होंने कहा कि कुणाल तिवारी एक कवि भी था।
अंतिम यात्रा आरम्भ होने पर साथियों द्वारा उनकी इच्छा के अनुरूप उसके द्वारा रचित जनगीत गाये। शोक सभा में वक्ताओं ने कुणाल तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए शोक संतृप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर अजयमित्र बिष्ट, एडवोकेट जगत रौतेला, पूरन चन्द्र तिवारी, रेवती बिष्ट, बिशन दत्त जोशी, दयाकृष्ण कांडपाल, अजय मेहता, मुहम्मद हारिस, जंग बहादुर थापा, दीपा तिवारी आदि मौजूद रहे।
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