लैंडस्लाइड से अब तक 54 की मौत; कई लापता, 4 गांव बहे; सेना बुलाई गई
नई दिल्ली | केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। इसमें 4 गांव बह गए। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल के मंत्री एके ससींद्रन ने इसकी पुष्टि की है। 75 अस्पताल में हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। घटना देर रात 2 बजे की है।
रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। इसमें मेडिकल टीम भी शामिल है। इसके अलावा एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजे गए हैं। हालांकि बारिश की वजह से दोनों हेलिकॉप्टर को कोझिकोड लौटना पड़ा।
वायनाड हादसे के अपडेट्स...
>> वायनाड लैंडस्लाइड के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल रूम बना दिया है। साथ ही इमरजेंसी हेल्थ सर्विस के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 8086010833 और 9656938689 जारी किए। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के वैथिरी, कलपट्टा, मेप्पाडी और मनंतवडी अस्पताल अलर्ट पर हैं।
>> कोझिकोड जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, सभी ग्रेनाइट खदानों को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा गया है।
>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड में लैंडस्लाइड में मारे गए लोगों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने केरल सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
मुंडक्कई गांव में सबसे ज्यादा नुकसान, यहां 250 लोग फंसे
वायनाड का मुंडक्कई गांव लैंडस्लाइड की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां रेस्क्यू टीम अब तक नहीं पहुंच सकी है। NDRF की एक टीम पैदल चलते हुए यहां तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। मुंडकाई में करीब 250 लोगों के फंसे होने की खबर है। यहां कई घर बह गए है। यहां 65 परिवार रहते थे। यहीं पास के एक टी एस्टेट के 35 कमर्चारी भी लापता हैं।
वायनाड पहाड़ और जंगलों से घिरा है
केरल के नॉर्थ-ईस्ट में वायनाड है। यह केरल का एकमात्र पठार है। वायनाड का पठार, मैसूर पठार और दक्कन के पठार के दक्षिणी हिस्से का विस्तार है। यह वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। थिरुनेल्ली नदी, पनामारम नदी और मनंतावडी इसकी सहायक हैं। मनंतावडी 'थोंडारमुडी' नामक चोटी से निकलती है। बारिश और लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।
वायनाड में आज भी भारी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने आज भी वायनाड के अलावा कोझिकोड, मल्लपुरम और कसारागोड में रेड अलर्ट जारी किया है। यानी आज भी यहां भारी बारिश होने की संभावना है। इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।
राहुल गांधी ने जाहिर किया दुःख
उन्होंने लिखा, मैं वायनाड में मेप्पडी के पास हुए भारी भूस्खलन से बहुत व्यथित हूं। मेरी हार्दिक संवेदना उन शोक संतप्त परिवारों के प्रति है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं उन्हें जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड जिला कलेक्टर से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि बचाव अभियान चल रहा है। मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है। मैं केंद्रीय मंत्रियों से बात करूंगा और उनसे वायनाड को हर संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध करूंगा। मैं सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह करता हूं।
5 साल पहले इसी इलाके में लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुईं
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।