Haldwani : बनभूलपुरा जाने से भी कतरा रहे, दिलो-दिमाग पर बसा है खौफ़
सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी। बनभूलपुरा हिंसा के बाद दो समुदायों के बीच दूरियां बहुत अधिक बढ़ चुकी हैं। यहां मोहब्बत की बातें करना जैसे बेईमानी साबित हो गया है। हालात अब भी ऐसे हैं कि लोग अति आवश्यकीय कार्य से भी इस क्षेत्र में जाने से डर रहे हैं। सबसे अधिक समस्या नगर निगम के सामने पेश आ गई है। जिसका कारण यह है कि सफाई कर्मियों ने यहां जाने से साफ तौर पर मना कर दिया है।
बता दें कि बनभूलपुरा दंगे के बाद से विश्वास और भरोसे की दीवार न केवल हल्द्वानी बल्कि पूरे उत्तराखंड में अब टूट चुकी है। कभी प्यार-मोहब्बत से रहने वाले लोग अब क्षेत्र विशेष में जाने से डरने लगे हैं। एक तरफ यहां सफाई व्यवस्था को लेकर निगम प्रशासन पूरी कोशिशों में जुटा है, लेकिन सफाई कर्मी तो यहां जाने से भी कतरा रहे हैं। गुरुवार को निगम सभागार में सफाई कर्मचारियों के संगठनों की बैठक में आमराय से निर्णय लिया था कि जब तक जिम्मेदार लोग सुरक्षा की गारंटी नहीं लेंगे, काम नहीं किया जाएगा।
इस दौरान महिला कर्मचारियों ने कहा कि तंग गलियों में काम को लेकर डर का माहौल है। उनकी ड्यूटी उस क्षेत्र में न लगे। आठ फरवरी को मलिक के बगीचे में हुए बवाल के दौरान बड़ी संख्या में निगम के स्वच्छता कर्मचारी भी घायल हुए थे। उसके बाद उस क्षेत्र में सफाई को लेकर दिक्कत आ रही है।
वार्ता फिलहाल रही विफल
बुधवार को नगर आयुक्त संग हुई वार्ता बैठक विफल रही थी। इसके बाद गुरुवार दोपहर निगम सभागार में दोनों संगठनों की ओर से आमसभा बुलाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे। हर किसी ने एक स्वर में सुरक्षा और बीमा की बात कही।
सफाई करने वालों की सुरक्षा हो सुनिश्चित
कर्मचारियों ने कहा कि उस क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों को आगे बढ़कर कहना चाहिए कि स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा का जिम्मा उनका है। निगम प्रशासन को भी उनकी मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए। इस दौरान उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम अवतार राजौर, देवभूमि उत्तराखंड स्वच्छकार संगठन के अध्यक्ष राहत मसीह, अमन कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।