अल्मोड़ा: जनता की आवाज नहीं दबने दी जाएगी— विनय किरौला
✍️ सार्वजनिक हित के मुद्दे उठाने पर मुकदमे दर्ज कर हतोत्साहित करने का आरोप
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला कहा है कि अल्मोड़ा में ऐसी ताकतें सक्रिय हो गई हैं, जो जनता की आवाज को दबाने का षडयंत्र रच रही हैं। उनका आरोप है कि ये ताकतें जनता की आवाज उठाने वाले को डरा—धमकाकर और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवाज को खामोश कर देना चाहती हैं। उन्होंने कहा है कि यदि ऐसे षडयंत्रों के आगे हम झुक गए और इनके खिलाफ लड़े नहीं, तो भविष्य में कोई भी जनता की आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। उन्होंने दो टूक कहा कि जनता की आवाज दबने नहीं दी जाएगी। ऐसी शक्तियों के खिलाफ अंतिम समय तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
श्री किरौला ने यह बात आज यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। वह यहां मेडिकल कालेज के बेस अस्पताल परिसर में हुए अभद्रता व मारपीट प्रकरण को लेकर बोल रहे थे। उनका कहना है कि गत दिनों वह बेस अस्पताल में किसी परिचित मरीज को देखने जा रहे थे, तो इसी बीच आईसीयू वार्ड से ऊपर तीखी ढलान देखा कि कार्यदायी संस्था ने बीच सड़क में रोड़ी-बजरी फैलाई है, इसमें उनकी स्कूटी रपटने—रपटते बची। उनका कहना है कि उन्होंने कार्यदायी संस्था के लोगों से इस बात की शिकायत की, तो उन्होंने उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए बात की। श्री किरौला ने कहा कि उनके द्वारा मेडिकल कालेज में हो रहे अन्याय पर भी आवाज उठाई गई। जहां कानून की पूरी तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है।
सार्वजनिक हित की आवाज उठाने पर डराने के लिए मुकदमे ठोक दिए जा रहे हैं, ताकि हतोत्साहित किया जा सके। उन्होंने बताया कि उनके साथ ही कई लोगों ने इसके खिलाफ अंतिम समय तक लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है। प्रेसवार्ता में पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. जेसी दुर्गापाल, रानीधारा संघर्ष समिति के अध्यक्ष दीप चंद्र पाण्डे, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व एजीएम महेंद्र गैड़ा, श्याम सिंह, आशीष जोशी, विशाल वर्मा, पीएस रावत, उमा अलमिया, हंसी रावत, कमला बिष्ट, सुजीत टम्टा, सुमित नज्जोन भी उनके साथ शामिल रहे।