सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में शोध कार्यों को लगेंगे पंख
✍️ शोध सलाहकार समिति के पहली बैठक में मंत्रणा के बाद लिये कई निर्णय
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में अब शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए विवि के शोध सलाहकार समिति की पहली बैठक में आज व्यापक चर्चा हुई और सर्वसम्मति से तत्संबंधी निर्णय लिये गए। विवि के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शोध को बढ़ावे के लिए यूजीसी के मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिये गए।
विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित बैठक में विवि में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक चर्चा हुई और सर्वसम्मति से निर्णय लिये गए।यह तय हुआ कि शोध अध्यादेश को विश्वविद्यालय के एकेडेमिक काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही शोध निर्देशक की अर्हता, अंतर विषय शोध की प्रवृत्ति, एवं शोध निर्देशक बनाने, यूजीसी द्वारा प्रदत्त विविध शोध अध्येता छात्रवृत्ति, शोध छात्रों की उपस्थिति का विभागवार विवरण रखने व शोधार्थी की त्रैमासिक शोध प्रगति को प्रस्तुत करने के संबंध में आवश्यक निर्णय लिये गए। तय हुआ कि शोधार्थी के शोध कार्य को लेकर त्रैमासिक सेमिनार आयोजित किया जाएगा। जिसमें प्रत्येक शोधार्थी शोध संबंधी आख्या प्रस्तुत करेगा। शोध से संबंधित शुल्क के निर्धारण के लिए शोध प्रसार निदेशालय वित्त कमेटी में प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके अलावा प्री—पीएचडी कोर्स वर्क की परीक्षा के लिए प्रत्येक प्रश्नपत्र में शोधार्थियों की उपस्थिति 75 फीसदी अनिवार्य होगी। इसकी जिम्मेदारी कोर्स कार्डिनेटर की होगी। यूजीसी के नियमानुसार शोध कार्य के लिए 62 वर्ष की आयु पार कर चुके प्राध्यापकों को शोधार्थी आवंटित नहीं करने का निर्णय लिया गया। उत्कृष्ट शोध कराने वाले प्राध्यापक एवं शोधार्थियों को पुरस्कृत करने का निर्णय भी लिया गया। शोध निदेशालय से संबंधित पृथक खाता बनाया जाएगा, ताकि शोध कार्यों के निष्पादन में आसानी हो सके। विवि में शोधकार्यों को बढ़ावा देने के लिए एमओयू करने वाले संस्थानों में सह शोध निर्देशक नामित करने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि यूजीसी ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में शोध सलाहाकार समिति को आवश्यक बना दिया गया है। इसी क्रम में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने शोध सलाहकार समिति बनाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शोध को लेकर लिये गए विविध निर्णय विश्वविद्यालय में शोध के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण होंगे। बैठक से पूर्व शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने बैठक के एजेंडे को प्रस्तुत किया और बैठक की कार्यवाही संचालित की। बैठक में शोध निदेशालय के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट एवं शोध सलाहकार समिति के सदस्य प्रो. जेएस रावत, प्रो. एसके जोशी, प्रो.एमएम जिन्नाह, प्रो. मधुलता नयाल, प्रो. जेएस बिष्ट, डॉ. संगीता पवार, बाह्य विशेषज्ञ प्रो. एलएस लोधियाल, प्रो. एचसीएस बिष्ट ने सुझाव प्रस्तुत किए। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट, शोध सहयोगी डॉ. ललित चंद्र जोशी, विपिन जोशी मौजूद रहे।