अल्मोड़ा: अनेकानेक कविताएं लेकर आई '...और दुनिया सुंदर नहीं हुई'
✍️ युवा रचनाकार ललित तुलेरा की चौथी पुस्तक प्रकाशित, विमोचन
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: कुमाउंनी पत्रिका 'पहरू' के उप संपादक एवं युवा रचनाकार ललित तुलेरा की चौथी पुस्तक अब लोगों के हाथों तक पहुंच चुकी है। जिसका शीर्षक है— '...और दुनिया सुंदर नहीं हुई'। इस पुस्तक का विमोचन आज 'पहरु' के कार्यालय मेंं साहित्यकारों की मौजूदगी में हुआ। इस पुस्तक कविताओं के जरिये दुनिया की कमजोरियों व अज्ञानतावश चल रही गतिविधियों पर ध्यान खींचा है। साथ ही समाज में व्याप्त भेदभाव, असमानता व अंधविश्वासों पर भी निशाना साधा है।
यहां कुमाउंनी मासिक पत्रिका 'पहरू' के कार्यालय में आज एक विमोचन कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें युवा रचनाकार ललित तुलेरा की पुस्तक '...और दुनिया सुंदर नहीं हुई' का विमोचन हुआ। यह पुस्तक हिंदी कविताओं का संकलन है और यह कविताएं दुनिया के जरूरी मसलों पर केंद्रित हैं। ललित तुलेरा ने बताया कि कविताओं के माध्यम से दुनिया की कमियां, मानव समुदाय में अज्ञानतावश चल रही गतिविधियों, मानव सभ्यता की ऐतिहासिक त्रुटियों और भेदभाव, असमानता व अंधविश्वास पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से उन्होंने यह पुस्तक तैयार की है। इस पुस्तक में शुमार कविताएं परिस्थितियों पर सोचने को मजबूर करती हैं। ललित तुलेरा इससे पहले भी तीन किताबें प्रकाशित कर चुके हैं, जिनमें 'जो य गङ बगि रै', अलुणि (अनुवाद), आठ पीढ़ी कि वंशावली शामिल है। वर्तमान में ललित कुमाउंनी पत्रिका 'पहरू' के उप संपादक हैं और लोक भाषा कुमाउंनी के विकास में योगदान दे रहे हैं। आज पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में 'पहरू' के संपादक डॉ. हयात सिंह रावत, साहित्यकार महेन्द्र ठकुराठी, उप संपादक शशि शेखर जोशी, सेवानिवृत्त शिक्षिका माया रावत, असिस्टेंट प्रोफेसर रश्मि सेलवाल आदि साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।