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उत्तराखंड : नदी में डूबने से भाई-बहन की मौत, दादी के साथ घास काटने गए थे दोनों बच्चे

11:30 PM Mar 23, 2024 IST | CNE DESK
उत्तराखंड   नदी में डूबने से भाई बहन की मौत  दादी के साथ घास काटने गए थे दोनों बच्चे
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Udham Singh Nagar / Kichha | उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले से दुःखद खबर सामने आ रही है, यहां शनिवार सुबह नदी में नहाते समय डूबने से भाई-बहन की मौत हो गई, घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। घंटों की मशक्कत के बाद स्थानीय गोताखोरों ने दोनों बच्चों के शवों नदी से निकाला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए। दोनों बच्चे अपनी दादी के साथ नदी किनारे घास काटने आए थे।

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मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह करीब दस बजे सिरोलीकलां निवासी फरमुदन पत्नी लतीफ अहमद अपने 8 वर्षीय पोते मो. साद पुत्र मो. हनीफ खटीमा निवासी और 8 वर्षीय पोती अनम पिता शहजाद निवासी सिरोलीकलां, धेवते अरमान और अयान के साथ घास काटने गौला नदी के किनारे गई थी। फरमुदन घास काटने लगी, इस बीच चारों बच्चे नदी में नहाने लगे। जिस जगह पर अनम और मो. साद नहा रहे थे उससे कुछ दूरी पर खनन के चलते करीब 12 फीट गहरा गड्ढा था और गहराई का अंदाजा नहीं लगने पर अनम और साद डूबने लगे। नदी किनारे खड़े अरमान और अयान ने भागकर दादी को इसकी जानकारी दी।

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इस पर दादी ने शोर मचाया तो कुछ देर बाद सिरोलीकलां के लोग वहां पहुंचे और काफी देर बाद स्थानीय गोताखोरों ने पहले अनम को बाहर निकाला और कुछ देर बाद मो. साद को लेकिन तब तक दोनों ने दम तोड़ दिया था। सूचना पर सीओ बहादुर सिंह चौहान मय फोर्स के मौके पर पहुंचे और शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए।

मो. साद परिवार के साथ रहता था खटीमा में

मृतक मो. साद खटीमा के इस्लामनगर में रहता था। परिजनों के अनुसार सिरौलीकलां निवासी लतीफ का पुत्र हनीफ राज मिस्त्री है। वह खटीमा में रहता है। करीब पंद्रह दिन पहले पूरा परिवार अपनी दादा दादी के पास सिरौलीकला आ गया था। यहां मो. साद अपनी दादी के साथ नदी तट पर चला गया और हादसे का शिकार हो गया।

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ग्रामीणों ने अवैध खनन बताकर की नारेबाजी

ग्रामीणों ने घटनास्थल पर अवैध खनन को लेकर प्रदर्शन कर सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की जिस स्थान पर दोनों बच्चे गहरे पानी में डूबे वहां पर बहते पानी की तेज धार से खनन किया गया था। घटनास्थल से चंद कदम दूरी पर खनन करने वालों ने बालू के ऊंचे ऊंचे ढेर लगा रखे थे।

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत से तेज धार से खनन किया जा रहा था जिसके चलते पानी की तेज धार से वहां पर करीब 12 फीट गहरे गड्ढे हो गए थे। इसके चलते दोनों बच्चों की जान चली गईं। ग्रामीणों के साथ प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजीव कुमार सिंह, पूर्व नगर अध्यक्ष अरुण तनेजा आदि शामिल रहे।

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साहसी युवकों ने नदी में कूदकर बच्चों को निकाला

जैसे जैसे क्षेत्र में बच्चों के गौला नदी में डूबने की खबर फैलती रही वैसे ही नदी तट पर भीड़ लगती रही। वहां मौजूद कुलदीप सिंह, नदीम अहमद, सरदार अहमद, मोईनुदीन, दिलशाद नदी के अंदर कूद पड़े और बच्चों को खोजने लगे। इस बीच वहां पहुंचे सिपाही दीपक ने भी नदी में दोनों बच्चों की तलाश की। करीब ढाई घंटे के बाद पहले अनम और उसके कुछ देर बाद मो. साद को बाहर निकाला लेकिन तब तक दोनों बच्चों ने दम तोड दिया।

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