वनाग्नि में झुलसी महिला ने STH में तोड़ा दम, मौतों का आंकड़ा हुआ 03
📌 एकमात्र बची महिला की हालत भी अत्यंत गंभीर ✒️ स्यूनराकोट के जंगल में भीषण अग्निकांड हादसा 👉 दो लीसा श्रमिकों की पहले ही हो चुकी है मौत
सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी/अल्मोड़ा
जिले की सोमेश्वर विधानसभा सीट के स्यूनराकोट के जंगल में गुरुवार को लगी भीषण आग में झुलसे तीन लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। दो लीसा श्रमिकों का गत दिवस निधन हो गया था। वहीं सुशीला तिवारी रेफर की गई दो में से एक महिला ने भी आज शुक्रवार को दम तोड़ दिया।
उल्लेखनीय है कि जंगल में लीसा निकालने के काम में कुछ नेपाली श्रमिक लगे हुए थे। साथ में उनकी पत्नियां भी मदद कर रही थीं। वे गत दिवस अचानक तेज लपटों के बीच घिर गए। आग बुझाने का प्रयास करते करते हुए दो श्रमिकों की मौत हो गई। वहीं इनकी पत्नियां भी गंभीर रूप से झुलस गई थीं।
पहले सभी को उपचार के लिए अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस परिसर में भर्ती कराया गया। जहां एक को मृत घोषित कर दिया गया था। वहीं अन्य को सुशीला तिवारी हल्द्वानी रेफर किया गया। इस बीच एक अन्य श्रमिक ने भी दम तोड़ दिया था।
90 प्रतिशत तक झुलस गये थे श्रमिक
बेस अस्पताल के सीएमएस डॉ अशोक ने बताया कि अस्पताल में आग से झुलसे हुए तीन लोगों को लाया गया था। दीपक बहादुर की पहले ही मौत हो गई थी। घायलों में शामिल लोग करीब 90 प्रतिशत से अधिक जल चुके थे। प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें हल्द्वानी रेफर किया गया। वहीं इलाज के दौरान एक अन्य लीसा श्रमिक ज्ञानेश ने भी दम तोड़ दिया था। तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी भेजा गया।
मृतकों को मिलेगा मुआवाजा : डीएफओ
डीएफओ दीपक कुमार ने बताया कि उनकी जिलाधिकारी से इस मामले को लेकर वार्ता हुई है। मृतकों को चार—चार लाख का मुआवजा दिया जायेगा। घायलों के उपचार का पूरा खर्च वन विभाग वहन करेगा।
अत्यंत गंभीर हालत में थे घायल : वन क्षेत्राधिकारी
वन क्षेत्राधिकारी अल्मोड़ा रेंज मोहन राम आर्य ने कहा कि वनाग्नि की घटना में दो लीसा श्रमिकों की आग बुझाने के दौरान दर्दनाक मौत हो गई। जिनमें से एक की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य ने हल्द्वानी रेफर करते समय दम तोड़ दिया। दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतकों में दीपक पुजारा 35 वर्ष व ज्ञान बहादुर 40 साल हैं। इसके अलावा पूजा पत्नी ज्ञान बहादुर और तारा पत्नी दीपक पुजारा को अत्यंत गंभीर हालत में गत दिवस हल्द्वानी रेफर कर दिया गया था।
झुलसी महिला ने हल्द्वानी के STH में तोड़ा दम
इधर सीएनई की टीम मामले को लेकर आज सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी गई। जहां पाया गया कि घायलों की अज्ञात में एंट्री की गई थी। मूलामात करते हुए टीम बर्न वार्ड पहुंची। वहां चिकित्सक एक महिला के उपचार में जुटे थे। जबकि एक अन्य महिला की मौत की हमें सूचना दी गई। हैरानी की बात यह है कि इतनी भयानक घटना के बावजूद घायलों के साथ पुलिस, प्रशासन आदि की टीम तो दूर उनके कोई सगे—संबंधी तक देखने को नहीं मिले।